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उत्तराखंड | नशे की चपेट में आए कई गांवों के युवा, चोरी भी करने लगे
नशे की चपेट में आए कई गांवों के युवा, चोरी भी करने लगे
सीमांत में नशे का बढ़ता कारोबार युवाओं का भविष्य तो अंधकारमय बना ही रहा है, साथ ही उन्हें अपराधी भी बना रहा है। नशे की लत में फंस चुके युवाओं को जब नशे की पूर्ति के लिए धन नहीं मिल रहा है तो वह चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। मंदिर, स्कूल से लेकर आवासीय घरों का ताला तोड़कर युवा नगदी सहित अन्य सामाग्री चुरा रहे हैं और फिर चरउउउस, स्मैक का नशा कर रहे हैं।
चोरी की तीन घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में इसका खुलासा किया है।जनपद में बीते कुछ समय से चोरी की घटनाओं में तेजी आई है। इसका एक मुख्य कारण नशे की गिरफ्त में फंस चुके युवा हैं। बीते एक माह के भीतर ही चोरी की आठ घटनाएं घट चुकी है। पुलिस जांच के दौरान अधिकतर मामलों में युवाओं का ही शामिल होना पाया गया है।
युवा शिक्षा के मंदिर तो कभी मंदिरों में अराजक तत्व चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। पांच दिन पूर्व ही अराजक तत्वों ने नगर के टकाना क्षेत्र में एक घर का ताला तोड़कर नगदी सहित सोने के आभूषण चुरा लिए। इसके अलावा बीते गुरुवार को भी दौला स्थित देवलसमेत मंदिर, जाखनी के गंगनाथ बाबा मंदिर और घुनसेरा के माता कोटवी मंदिर में चोरी हुई।
कोतवाल हिमांशु पंत ने बताया कि चोरी की घटनाओं में शामिल रहे युवा नशे के आदी हैं। जब उन्हें नशे की सामाग्री खरीदने के लिए धन नहीं मिलता तो वह चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं और उससे अपनी नशे की जरूरतों को पूरा करते हैं।
सीमांत में युवा नशे की पूर्ति के लिए बकरी तक चोरी कर रहे हैं। कुछ दिन पूर्व नगर के न्यू बजेटी क्षेत्र में बकरी चोरी का मामला सामने आया था। अस्कोट के प्रसिद्ध बालीचंद मंदिर, धनलेख के छुरमल, कूटा, ननपापी, खूना, सिरकुच आदि कई इलाकों में स्थित मंदिरों में चोरी की घटनाएं सामने आई हैं।