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देवशयनी एकादशी पर इस बार 5 शुभ संयोग, चार माह के लिए योग निद्रा करेंगे भगवान


हरिद्वार-  17 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ ही चार महीने के लिए शुभ मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे, क्योंकि भगवान विष्णु के साथ ही सभी देवी-देवता शयन करेंगे। वहीं इस बार देवशयनी एकादशी पर पांच शुभ संयोग पड़ रहे हैं। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस बार देवशयनी एकादशी का व्रत 17 जुलाई को किया जाएगा।

हरिद्वार के आचार्य प्रमोद शास्त्री ने बताया कि देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु तथा उनके साथ अन्य देवता भी योग निद्रा में लीन होते हैं। क्योंकि भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता हैंइसलिए देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान शिव सृष्टि का पालन करने की जिम्मेदारी संभालते हैं।

उन्होंने बताया कि 17 जुलाई से 12 नवंबर तक चातुर्मास काल रहेगा। इन चार महीने की समयावधि में कुछ प्रांतों को छोड़कर सभी जगह शुभ मांगलिक कार्य जैसे-विवाहमुंडनगृह प्रवेशगृह आरंभयज्ञोपवीत आदि नहीं किए जाते हैं। इसके बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी से भगवान विष्णु चार माह के विश्राम के बाद जागेंगे। जिसके बाद शुभ कार्य फिर से प्रारंभ हो जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस एकादशी को सृष्टि में सत्ता परिवर्तन का दिन भी कहा जाता है। इस बार एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धिसर्वार्थ अमृत सिद्धिअनुराधा नक्षत्र सहित पांच योगों का संगम हो रहा है। इन शुभ योगों में व्रतदान आदि करने से सभी कार्यों की सिद्धि होती है और भगवान विष्णु एवं लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

शास्त्री जी ने बताया कि एकादशी तिथि के पारण का समय 18 जुलाई को सुबह साढ़े पांच बजे से सुबह आठ बजकर 20 मिनट के मध्य उपयुक्त होगा। उनके अनुसार व्रत में पारण के समय का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

 



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