मंगलवार, 8 अक्टूबर 2024 | 04:56 IST
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उत्तराखण्ड की संस्कृति को समझना है तो इस संग्रहालय में चले आइये


देहरादून- उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत बेहद पुरानी है। दुनियाभर के लोग प्रकृति का दीदार और मानसिक शांति के लिए राज्य के कई इलाकों में पहुंचते हैं। अगर आप राज्य की संस्कृति, विरासत और इतिहास को समझना चाहते हैं तो एक बार देहरादून स्थित उत्तरा समकालीन कला संग्रहालय ज़रूर आइए। घंटाघर स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा कांप्लेक्स में बना उत्तरा समकालीन कला संग्रहालय राज्य के इतिहास और कुछ अतीत से जुड़ी यादों को संजोए हुए है।

संग्रहालय की खूबसरत इमारत में म्यूजियम और आर्ट गैलरी में 60 से अधिक पेंटिंग हैं, जो उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाती है। निचले हॉल में आपदा के दंश को दिखाता हुआ एक पहाड़ी शैली में बना लकड़ी का मकान है। आपदा के मलबे से मकान का आधा हिस्सा क्षतिग्रस्त दिखाया गया है। मकान के कोनों में सूखे मक्के लटके हुए हैं, जो पहाड़ की कृषि आधारित जीवन शैली को बखूबी बयां करता है.यह दृश्य पहाड़ के कठिन भरे जीवन को दिखाता है।

संग्रहालय की संचालिका संगीता सुरीरा ने बताया कि लोगों को अभी इस म्यूजियम के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, जिसके कारण लोगों की तादाद कम रहती है। हालांकि कई युवा यहां उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत को देखते पहुंचते हैं।

पहाड़ की संस्कृति से जुड़ा ढोल (वाद्य यंत्र) और एक टोकरी में सेव की कलाकृतियां भी दिखाई देती है। इसी हॉल में एक हेलीकॉप्टर की कलाकृति भी बनी है, जो आपदा के वक्त फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए उड़ान भरने के इंतजार में खड़ा है। खास बात है कि ये सभी सेफ्टी पिन से बनाई गई है। बेहतरीन कारीगरी का यह जीता जागता उदाहरण है। दीवारों पर लगी हर पेंटिंग केदार घाटी से लेकर आपदा प्रभावित इलाकों का दर्द बयां करती है. प्रथम तल पर स्थित पेंटिंग उत्तराखंड से जुड़े महान हस्तियों की याद दिलाता है.वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, गोविंद बल्लभ पंत समेत कई स्वतंत्रता सेनानी और राज्य आंदोलनकारियों की यह पेंटिग्स आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।

संग्रहालय का निर्माण जाने माने आधुनिक चित्रकार एवं शिल्पी सुरेंद्र पाल जोशी के मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देशन में किया था। संग्रहालय का निर्माण माह सितंबर 2016 में प्रारंभ किया गया था। इस संग्रहालय का क्षेत्रफल 408 वर्ग मीटर है। प्रथम तल में राज्य के कलाकारों की कला प्रदर्शनियां लगी हुईं हैं। उत्तरा समकालीन कला संग्रहालय में सन् 2013 में आई आपदा के क्षणों को आर्ट के रुप में प्रस्तुत एवं संरक्षित भी किया गया है। गौरतलब है कि अक्टूबर 2017 में तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र रावत ने इस आर्ट गैलरी का लोकार्पण किया था, जिसके बाद इसे आमजन लोगों के लिए खोल दिया गया है।

 



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