मंगलवार, 5 दिसम्बर 2023 | 12:17 IST
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स्कूलों की प्रार्थना में गाया जा रहा है गिरदा का जनगीत


उत्तराखंड मेरी मातृ भूमि...मातृभूमि, मेरी पितृभूमि,
    ओ भूमि तेरी जै- जै कारा म्यार हिमाला।
   ख्वार मुकुट तेरी ह्युं झलको
   झलकी गाल गंगे की धारा , म्यार हिमाला।
               तली तली तराई कुनी
     कुनी मली मली भाभरा , म्यार हिमाला ।
              बद्री केदारा का द्वार छना,
      छना कनखल हरिद्वारा, म्यार हिमाला।
            काली धौली का छाना जानी,
     जानी नान ठुला कैलाशा, म्यार हिमाला ।
                पार्वती को मैत या छो,
     या छो शिवजयू को सौरसा , म्यार हिमाला।
                धन मयेङी मेरो यो जनमा,
       भई तेरी कोखी महाना , म्यार हिमाला।
                मरी जूलो , तरी जूलो ,
       इजु ऐल त्यारा बाना , म्यार हिमाला।
जनकवि- स्व. गिरीश तिवारी 'गिरदा'    

 



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