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विचार | पुलिस वालों की जिंदगीं का कड़वा सच
पुलिस वालों की जिंदगीं का कड़वा सच
सुमन श्योरान
अपने देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए 24 घंटे तत्पर रहने वालें पुलिस की जिंदगी का एक ऐसा सच जिसको सुनकर आप सन रह जाएगें। जी हां आपने हमेशा देखा होगा पुलिस अक्सर अपनी ड्यूटी को लेकर चर्चा में रहती है। आलम यह है कि एक आम नागरिक भी पुलिस वालों की वीडियो बनाकर उनकी वर्दी पर दाग लगाने की कोशिश करता है। ये ही नहीं अगर कोई केस हो जाएं और पुलिस टाइम पर नहीं पहुँचती तो उस हादसे का सारा दोँष भी पुलिस वालों के मथ्थे मड़ दिया जाता है।
आज सवाल है देश की उस जनता से और पुलिस को गलत ठहराने वाले हर उस आदमी से। कि वह कभीं सर्द रातों में सड़क पर जागा है। क्या आप को आराम की जरूरत नहीं पड़ती क्या कभी किसी ने सोचा है जब हम रात के सन्नाटें में अपने घरों में आराम से सोते है वो भी बेफिक्री नींद क्यों क्योंकि पुलिस भी उसी तरह हमारी रक्षा करती है जिस तरह सीमा पर खड़ा एक जवान देश की रक्षा करता है। फर्क सिर्फ इतना है सीमा पर मरने वाले शहीद. देश के अन्दर मरने वाले को कफन भी नसीब नहीं होता ऐसा क्यों
सीमा पर रहने वाले जवान को 3 महींने की छुट्टी फिर पुलिस को क्यों नहीं वर्दी पर सवाल हर कोई उठा देता है पर कभी किसी ने सोचा है अगर वो 24 घंटे ड्यूटी करता है तो सोता कब है इतने घंटे लगातार ड्यूटी के दौरान एक दिन छुट्टी हो जाए तो पुलिस वाले संस्पेंड अगर वो देश के लिए इतना सबकुछ कर रहे है फिर सरकार उनके लिए क्या सुविधा मुहैया करवा रही है।