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देश | सर्वे- आज चुनाव हुए तो मोदी को कितनी सीटें मिलेंगी ?
सर्वे- आज चुनाव हुए तो मोदी को कितनी सीटें मिलेंगी ?
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को महज कुछ ही समय बचा है। जहां बीजेपी फिर से सरकार बनाने की उम्मीद कर रही है, तो कांग्रेस समेत विपक्षी दल भी वापसी की पुरजोर कोशिश में जुटे हुए हैं। इस बीच, सी-वोटर और इंडिया टुडे ने देश का मिजाज समझने के लिए एक सर्वे किया है। सर्वे में 1 लाख, 40 हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिनसे सरकार और पार्टी से जुड़े कई तरह के सवाल पूछे गए।
सरकार के कामकाज को 67% ने बताया बहुत अच्छा
वर्तमान एनडीए सरकार के कामकाज को 67 फीसदी लोगों ने बहुत अच्छा बताया है, जबकि 11 फीसदी लोगों ने अच्छा कहा। सिर्फ 18 फीसदी लोगों ने कामकाज को खराब बताया। वहीं, 20 फीसदी लोगों का मानना है कि कोविड-19 से निपटना एनडीए सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। आर्टिकल 370 हटाना 14 फीसदी लोग एनडीए सरकार की बड़ी उपलब्धि मानते हैं, जबकि राम मंदिर, काशी विश्वनाथ मुद्दों को 11 फीसदी जनता ने उपलब्धि बताया है। आठ फीसदी लोगों ने कहा है कि मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रहीं जनकल्याण की योजनाएं सरकार की बड़ी उपलब्धि है।
सरकार की सबसे बड़ी नाकामी क्या?
सर्वे में सवाल किया गया कि केंद्र सरकार की सबसे बड़ी नाकामी क्या है? इस पर 25 फीसदी लोगों ने महंगाई को बताया। बेरोजगारी को 17 फीसदी, कोरोना से निपटने को 8 फीसदी और आर्थिक विकास को 6 फीसदी लोगों ने सरकार की सबसे बड़ी नाकामी कहा। सर्वे में दावा किया गया है कि जब लोगों से सवाल किया गया कि वे विपक्ष में कांग्रेस के कामकाज से कितना प्रसन्न हैं? तो 25 फीसदी लोगों ने इसे खराब बताया। 19 फीसदी लोगों ने कांग्रेस के काम को बहुत अच्छा, 15 फीसदी ने अच्छा और 19 फीसदी ने औसत बताया।
सर्वे में किसे कितनी सीटें?
सर्वे के अनुसार, यदि आज चुनाव होते हैं तो एक बार फिर से एनडीए सरकार बनने की उम्मीद है। एनडीए को 298, यूपीए को 153 और अन्य को 92 सीटें मिल सकती हैं। सर्वे में एनडीए को 43 फीसदी, यूपीए को 29 फीसदी और अन्य को 28 फीसदी वोट शेयर दिया गया है।
कांग्रेस में कौन ला सकता है सुधार?
इंडिया टुडे और सी वोटर के सर्वे में कांग्रेस को लेकर भी सवाल किए गए। लोगों से पूछा गया कि कांग्रेस में कौन सुधार ला सकता है। 26 फीसदी लोगों ने राहुल गांधी का नाम लिया, जबकि सचिन पायलट का 16 फीसदी ने नाम लिया। वहीं, 12 फीसदी लोग ऐसे थे, जो मानते हैं कि मनमोहन सिंह सुधार ला सकते हैं। इसके अलावा, प्रियंका गांधी का आठ फीसदी लोगों ने नाम लिया, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पक्ष में तीन फीसदी लोग रहे।