होम |
मनोरंजन | KKBKKJ Review- पुरानी स्टोरी, उबाऊ डॉयलॉग, अकेले सलमान का ही दम
KKBKKJ Review- पुरानी स्टोरी, उबाऊ डॉयलॉग, अकेले सलमान का ही दम
किसी का भाई, किसी की जान यानी सलमान- वो नाम, जिसको देखने फैन्स टूट पड़ते हैं- और अगर मौका ईद का हो तो फिर दो सौ करोड़ पक्के। अब अगर सलमान की स्टाइल और एक्टिंग के बाद फिल्म भी वाकई अच्छी बनी हो तो तीन सौ से पांच करोड़ तक भी जा सकती हैं। लेकिन चार साल बाद पर्दे पर आ रहे सलमान की फिल्म किसी का भाई किसी की जान यानी केकेबी-केकेजे के बारे में कह सकते हैं कि सलमान को केवल दो सौ करोड़ तक ही कमाने थे- इसलिए उन्होंने डायरेक्टर फरहाद सामजी को फिल्म का बाजा बजाने का पूरा मौका दिया। पूरी फिल्म सलमान के कंधे पर है और उनका हर बार को वही स्टाइल, स्वैग और लुक-जो क्रेजी फैन को पसंद है। तो एक ऐसी फिल्म जो दबंग, बजरंगी भाईजान और सुल्तान के लेवल पर जा सकती थी, उसे चालू मसाला टाइप फिल्म बनाकर छोड़ दिया गया।
फिल्म ‘किसी का भाई किसी की जान’ चार भाइयों, उनकी चार प्रेमिकाओं, मोहल्ले के चार बुजुर्गों और दक्षिण भारत के चार किरदारों की कहानी है। कहानी देखकर लगता है कि सलमान खान ने सूरज बड़जात्या का नाम फिल्म के ट्रेलर लॉन्च मे बिल्कुल सही लिया था। फिल्म ‘बच्चन पांडे’ और ‘पॉप कौन’ निर्देशित करने वाले फरहाद सामजी की है और फिल्म ‘किसी का भाई किसी की जान’ देखने के बाद फिल्म ‘बच्चन पांडे’ भी एक बेहतर फिल्म लगने लगती है
पूरी फिल्म में सलमान खान ही सलमान खान छाए हुए हैं। कभी लंबे बालों के साथ, कभी मेहंदी रचे बालों के साथ, कभी बिल्कुल टिंच बालों के साथ। चेहरे को सुंदर दिखाने के लिए खूब फोटोशॉपिंग हुई है। छह या आठ जो भी ऐब्स हों, उनको दिखाने के लिए उनकी शर्ट भी हवा में उड़ती है
किसी का भाई किसी की जान' देशभर में 4500 से अधिक स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है। बॉक्स ऑफिस पर कोरोना महामारी के बाद यह चौथी सबसे बेहतर ओपनिंग वाली फिल्म बन गई है। ओपनिंग डे पर 'पठान', 'ब्रह्मास्त्र' और 'सूर्यवंशी' के बाद 'किसी का भाई किसी की जान' ऐसी फिल्म बनी है, जिसके मॉर्निंग शोज में भी 30-40% सीटों पर दर्शक नजर आए हैं। फिल्म की एडवांस बुकिंग बहुत अच्छी नहीं रहने के कारण यकीनन सिनेमाघरों का दिल टूटा था, लेकिन स्पॉट बुकिंग से फिल्म को फायदा मिला है।
साउथ की फिल्म 'वीरम' का रीमेक 'किसी का भाई किसी की जान' को प्री-ईद होने के बावजूद निजाम और आंध्र प्रदेश में बढ़िया ओपनिंग मिली है। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर और महाराष्ट्र जैसे मास सर्किट में फिल्म को औसत रेस्पॉन्स मिला है।
ईद आते ही फिल्म ने बंपर बुकिंग शुरू कर दी। अगर आप भाईजान के डाई हार्ट फैन हैं तो आपको सब कुछ अच्छा लगेगा, लेकिन जो दर्शक फिल्म में कंटेंट ढूंढने जाएंगे, उनको निराशा हाथ लगेगी- लेकिन सलमान का स्टाइल देखने जाएंगे- वन टाइम एंटरटेंनमेंट जरूर मिलेगा। ऐसा लगता है कि डायरेक्टर से कह दिया गया कि ज़्यादा दिमाग मत लगा-सलमान तो है ही संभाल लेगा- ईद पर रिलीज हो रही है- भाई लोग वैसे ही आकर टिकट का पैसा दे जाएगा। और बिल्कुल यही होने वाला है- एडवांस बुकिंग ज़्यादा नहीं हुई, लेकिन टिकट खिड़की पर पहले दिन का कलेक्शन 18 करोड़ के आसपास बताया जा रहा है, जो ईद के पहले के हिसाब से बंपर माना जाएगा- ईद के बाद छुट्टियों का फायदा मिलेगा और फिल्म जबरदस्त रफ्तार पकड़ेगी।
फिल्म की शुरुआत में ही भाईजान सलमान गुंडे से कहते हैं कि अच्छी तरह समझाया है, अब बुरी तरह मारूंगा", फिर शुरु होता है एक इंट्रोडक्टरी एक्शन सीक्वेंस, जहां वो एक के बाद एक कई खूंखार लोगों को धूल चटाते हैं। कुछ ही हड्डियां कड़कती हैं, कुछ की गर्दन टूटती है, तो कुछ यूं ही लड़ भिड़ के मर जाते हैं। उधर सलमान के फैन्स को दिल से मजा आने लगता है। इस फिल्म एक एक्शन- फैमिली एंटरटेनर बनाने की कोशिश की गई है। एक डॉयलॉग सलमान बार बार बोलेंगे- सही का होगा सही, गलत का गलत, दुआओं में हैं बड़ा दम, वंदे मातरम.' ये डायलॉग आपको कई बार फिल्म में सुनने को मिलता है.
आपको सलमान की फिल्म ‘भारत’ याद होगी। उसके बाद एक बार फिर
सलमान खान फिर ये जताने की कोशिश करते है कि इंसानियत धर्म, जाति और वर्ण के भेद से ऊपर है। फिल्म निर्देशक फरहाद सामजी की है और पूरी फिल्म में अगर कुछ प्रभावित करता है तो वह है सलमान खान का वह डॉयलॉग, जिसमे वह कहते हैं, ‘हम सब अपनी पसंद से बने भाई हैं और यही हमारा सबसे अटूट बंधन है।’ वह अपने तीन छोटे भाइयों के भाईजान हैं और बाद में इसी नाम से उन्हें पूरी बस्ती पहचानने लगती है।
'किसी का भाई किसी की जान' में सलमान खान के साथ लंबी-चौड़ी स्टार कास्ट है। फिल्म में पूजा हेगड़े, वेंकटेश, भूमिका चावला, जगपति बाबू, शहनाज गिल, जस्सी गिल, राघव जुयाल, पलक तिवारी, सिद्धार्थ निगम, विनाली भटनागर जैसे सितारें हैं। लेकिन सलमान और विलेन बने जगपति बाबू के अलावा सबका बहुत कम रोल है। पूजा हेगड़े के साथ रोमांटिंग सीन्स भी कुछ नहीं बन पाए हैं। डॉयलॉग में वो दम ही नहीं हैं, दबंग जैसी मूवी के आसपास भी ठहर सकें।