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विचार | बार-बार क्यों कांप रही है धरती, क्या किसी बड़े ख़तरे की आशंका है ?
बार-बार क्यों कांप रही है धरती, क्या किसी बड़े ख़तरे की आशंका है ?
दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत में शनिवार रात 7 बजकर 58 मिनट पर फिर भूकंप के झटके महसूस हुए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक इसका केंद्र नेपाल में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.4 मापी गई। कंपन से खबराए लोग अपने अपने घरों और ऑफिसों से बाहर निकल आए। इससे पहले पहले शाम चार बजकर 25 मिनट पर उत्तराखंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। बीते मंगलवार को भी दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में देर रात दो बजे भूकंप के तेज झटके लगे थे। उस वक्त भी भूकंप का केंद्र रहे नेपाल ही थी और तब इसमें डोटी जिले में एक घर गिरने से छह लोगों की मौत हो गई हुई थी।
ऐसे में सवाल उठता है कि बार बार धरती क्यों कांप रही है ? विशेषज्ञ बताते हैं कि दिल्ली-एनसीआर सिस्मिक जोन-4 में है। भूकंप के लिहाज से यह संवेदनशील है। यहां छह से सात तीव्रता तक के भूकंप आने की आशंका बनी रहती है। ऐसा होने की सूरत में बड़े पैमाने पर नुकसान होगा। दिल्ली में करीब 50 लाख इमारतें हैं। इसमें आलीशान बहुमंजिला इमारतें भी हैं और दिल्ली देहात के मकान भी। अनधिकृत कॉलोनियों में बड़ी संख्या में चार-पांच मंजिला मकान बने हैं। अलग-अलग समय में डीडीए, एमसीडी, आपदा प्रबंधन विभाग समेत दूसरी सरकारी एजेंसियों ने इमारतों का सर्वे किया है। इसमें भूकंपीय क्षेत्र-4 को ध्यान में रखकर इमारतों की सुरक्षा की जांच की गई है।
वाडिया हिमालयन भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों के मुताबिक, छोटे-छोटे भूकंप से पृथ्वी के अंदर से बड़ी ऊर्जा रिलीज होती है और बड़े भूकंप का खतरा टलता रहता है। वाडिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.अजय पॉल का कहना है कि भूकंप से बचाव का तरीका यही है कि भवन भूकंपरोधी तकनीक से कॉलम और बीम पर ही बनाए जाएं।
नेपाल में आए भूकंप से ज्यादा तीव्रता के भूकंप का खतरा पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड में बना हुआ है। लंबे समय से बने गैप के कारण भविष्य में बड़े भूकंप की आशंका गहराने लगी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि निकट भविष्य में
उत्तराखंड में 6 से 7 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है। भूकंपीय विज्ञान में भूकंप की आशंकाओ के लिए उपयोग की जाने वाली गणितीय समीकरणों का परिणाम राज्य में बड़े भूकंप के लिए 90 प्रतिशत तक आंका गया है इसलिए खतरा बरकरार है।
देशभर में लगातार आ रहे भूकंप की वजह से डोलती धरती से डरना जरूरी है! देशभर में 08 हजार बार रोजाना 2.0 तक की तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। जबकि, उत्तराखंड में इस साल-2022 अभी तक 700 से अधिक छोटे-बड़े भूकंप आ चुके हैं। हालांकि ज्यादातर भूकंप तीन मेग्नीट्यूड से कम के थे। कुल मिलाकर उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप की आशंका बनी हुई है।