सोमवार, 16 सितंबर 2024 | 02:22 IST
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राहुल गांधी ने अमेरिका से यूपी में 'दलित दांव' क्यों चलाया ?


2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की नजर दलित वोटों पर है। क्या कांग्रेस मुसलिम और दलित कांबिनेशन के जरिए मोदी को चुनौती देने की तैयारी कर रही है। राहुल गांधी ने अमेरिका से यूपी के दलितों को कौन सा संदेश दिया। क्या राहुल गांधी को यूपी में अखिलेश और मायावती की जरा भी चिन्ता नहीं है। ये सवाल इसलिए खड़े हो गए हैं कि क्योंकि राहुल गांधी की सोच यूपी को लेकर सामने आ गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका के तीन शहरों की यात्रा के लिए मंगलवार को सैन फ्रांसिस्को पहुंचे. इस बीच राहुल गांधी ने यहां भारतीय समुदाय के लोगों से बातचीत की. अपनी इस बातचीत में राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश को लेकर एक बड़ा बयान दिया. राहुल गांधी ने कहा कि आज के दौर में भारत में मुसलमानों के साथ जो हो रहा है, वही यूपी में दलितों के साथ हो रहा है. राहुल के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि उन्होंने ऐसा दर्शना चाहा है कि यूपी में दलितों के साथ अत्याचार हो रहा है. 
अमेरिका में राहुल ने यूपी के दलितों पर बयान बहुत सोच समझकर दिया है। उनको पता है कि मुसलिम वोट उन्हें तब मिल सकता है, जब दूसरी जातियों का वोट भी उनके साथ जुड़े। इसके तहत राहुल ने दलित वोटों पर दांव फेंका है। दलितों के साथ राहुल ने मुसलिम वोट को मजबूत करने की कोशिश की। अमेरिका में राहुल ने कहा कि “नफरत के बाजार में, मोहब्बत की दुकान खोलेंगे. मुस्लिम समुदाय इसे महसूस करता है. यह सभी अल्पसंख्यकों के साथ किया जा रहा है लेकिन मुसलमानों को लग रहा है कि उन पर ज्यादा हमले हो रहे हैं. सिख, दलित, आदिवासी सभी ऐसा ही महसूस कर रहे हैं. हर कोई पूछ रहा है कि क्या चल रहा है? मुसलमान इसे अधिक महसूस करते हैं क्योंकि यह उनकी ओर अधिक निर्देशित किया जा रहा है.”
राहुल गांधी चूंकि अब सांसद या किसी भी संवैधानिक पद नहीं हैं, इसलिए ये यात्रा उन्होंने सामान्य पासपोर्ट की। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने संसद सदस्य के रूप में उन्हें जारी राजनयिक पासपोर्ट को जमा करने के बाद सामान्य पासपोर्ट लिया था। इसके बाद राहुल को हर जगह उसी तरह लाइन में लगना पड़ा, जैसे आम पैसेंजर लगते हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके पश्चात राहुल ने राजनयिक यात्रा पासपोर्ट लौटा दिए थे.
कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी लोगों के सवालों के जवाब दे रहे थे। इस दौरान उनसे मीडिया ने मुसलिम कम्युनिटी पर सवाल पूछा तो राहुल बोले- मुस्लिमों को भारत में आजकल धमकियां मिल रही हैं, जो पहले कभी नहीं देखा गया। इतना ही नहीं पहले जो कभी बदलाव नहीं हुए, आज कल किए जा रहे है। यहां तक कि मुस्लिम बच्चों को उन मामले में जेल भेजा जा रहा है, जिसे उन्होंने किया ही नहीं है। राहुल गांधी ने इस बयान के बाद दलितों को लेकर भी बयान दिया। राहुल ने आगे कहा कि जिस तरह मुसलमानों पर हमला हो रहा है और वह जो महसूस कर रहे हैं। मैं गारंटी दे सकता हूं कि सिख, ईसाई, दलित, आदिवासी भी ऐसा ही महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के दौर में भारत में मुसलमानों के साथ जो हो रहा है, वही यूपी में दलितों के साथ हो रहा है. 
अब सवाल उठता है कि राहुल ने यूपी के दलितों पर ही बयान क्यों दिया। 
सियासी जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी यूपी को लेकर सीरियस हैं और यहां मुसलिम-दलित समीकरण बनाना चाहते हैं, जो कभी कांग्रेस की ताकत समझा जाता था। चूंकि पिछड़ों पर समाजवादी पार्टी अपना दावा ठोकती रही है और दलितों पर मायावती तो जाहिर है राहुल गांधी दलितों को मुद्दा बनाकर कांग्रेस को यूपी में खड़ा करना चाहते हैं। लेकिन इससे क्या मायावती नाराज नहीं होंगी और क्या गठबंधन होने की सूरत में अखिलेश यूपी में कांग्रेस को सम्मानजनक सीटें देंगे- ये बड़े सवाल हैं। ये भी हो सकता है कि कांग्रेस की यूपी राजनीति के चक्कर में अखिलेश चुनाव पूर्व गठबंधन से ही इनकार कर दें, तो ऐसी सूरत में बीजेपी की बांछें खिल जाएंगी। इसलिए राहुल के बयान से कांग्रेस को फायदा होता है या नुकसान- ये देखने वाली बात होगी। 

 



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