मंगलवार, 8 अक्टूबर 2024 | 05:01 IST
समर्थन और विरोध केवल विचारों का होना चाहिये किसी व्यक्ति का नहीं!!
होम | देश | वन नेशन-वन इलेक्शन’ को कैबिनेट की मंजूरी, कब और कैसे लागू करेगी सरकार ?

वन नेशन-वन इलेक्शन’ को कैबिनेट की मंजूरी, कब और कैसे लागू करेगी सरकार ?


नई दिल्ली- मोदी मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ पर रामनाथ कोविंद कमिटी की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी. इसके बाद केंद्र पूरे देश में विस्तृत चर्चा शुरू करेगा. रामनाथ कोविंद की कमिटी की रिपोर्ट पर देशभर में चर्चा होगी, प्रजेंटेशन, संगोष्ठियां होंगी. इसके हितधारक, सामाजिक संगठनों और आम लोगों से चर्चा होगाी. सरकार इसको लेकर आम राय बनाने की कोशिश करेगी.
मोदी मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ पर रामनाथ कोविंद कमिटी की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी. इसके बाद केंद्र पूरे देश में विस्तृत चर्चा शुरू करेगा. रामनाथ कोविंद की कमिटी की रिपोर्ट पर देशभर में चर्चा होगी, प्रजेंटेशन, संगोष्ठियां होंगी. इसके हितधारक, सामाजिक संगठनों और आम लोगों से चर्चा होगाी. सरकार इसको लेकर आम राय बनाने की कोशिश करेगी.
जानकारी के अनुसार सरकार इसे लागू करने को लेकर एक क्रियान्वयन समूह बनाएगी. इसमें कानून और चुनाव से जुड़े जानकार, कुछ वरिष्ठ मंत्री और वरिष्ठ राजनीतिज्ञों को शामिल का जा सकता है.
चूंकि इसको लागू करने के पहले कई कानूनों और संविधान में भी संशोधन करने की जरूरत पड़ेगी, लिहाजा सरकार इस संबंध में एक बिल संसद में लाएगी. इस बिल के जरिए संविधान संशोधन होगा और राज्यों का अनुमोदन भी लिया जाएगा.
ये बिल आगामी शीतकालीन सत्र में आ सकता है. हालांकि सरकार के सूत्रों का कहना है कि इतनी जल्दी बिल लाने को लेकर सरकार पर कोई दवाब नहीं है.
क्या 2029 के लोकसभा के साथ होंगे सभी विधानसभा के चुनाव?
बिल के कानून बनने के बाद सभी चुनावों के लिए एक समान मतदाता सूची तैयार होगी. ये मतदाता पहचान पत्र निर्वाचन आयोग राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श के बाद तैयार किए जाएंगे. सवाल से है कि क्या अगले लोकसभा चुनाव यानि 2029 से ये लागू होगा? क्या 2029 में लोकसभा के साथ सभी विधानसभाओं के भी चुनाव होंगें?
ओडिशा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश जैसे कुछ राज्य हैं, जहां लोकसभा के साथ ही विधानसभा के भी चुनाव होते हैं. उसके अलावा झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम, छत्तीसगढ़, हरियाणा जैसे भी राज्य हैं, जहां विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के 5-6 महीना पहले या बाद में होते है. तो इन राज्यों के चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी.तो वही बाकि राज्यों ती सत्ताधारी दलों से भी बातकरके उनको भी एक साथ चुनाव के लिए तैयार किया जा सकता है. बीजेपी सरकार के लिए ये भी एक पॉजिटीव संकेत है कि कई राज्यों में बीजेपी या एनडीए की सरकार है.

 

 


-



© 2016 All Rights Reserved.
Follow US On: