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नया संसद भवन बनकर तैयार, राष्ट्र को समर्पित करेंगे पीएम मोदी



आखिरकार वो घड़ी आ ही गई, जिसका देश पिछले ढाई साल से इंतजार कर रहा था। मोदी सरकार का सपना- 970 करोड़ की लागत से नया संसद भवन बनकर तैयार हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई 2023 को नवनिर्मित संसद भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रधानमंत्री मोदी को संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया है । लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, नए संसद भवन का निर्माण अब पूरा हो गया है। नया भवन आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक है।  शुरुआत में इस भवन को बनाने को लेकर विपक्ष ने विरोध किया। कांग्रेस ने कहा कि पुराना भवन अभी ठीक है, नए भवन में देश का पैसा क्यों बर्बाद किया जा रहा है। तब मोदी सरकार ने कहा कि पुराना भवन बहुत ज़्यादा समय तक इस्तेमाल हो चुका है, इसलिए नए ज़माने की आवश्यकताओं के हिसाब ने जरूरी है। 
नए संसद भवन की चार मंजिला इमारत कुल 64,500 वर्ग मीटर एरिया में बनी है।  ये पूरी तरह भूकंपरोधी है और अगले सौ साल तक इसको किसी भी तरह का खतरा नहीं होगा। नए संसद भवन में जाने के 6 रास्ते हैं। एक एंट्रेंस पीएम और प्रेसिडेंट के लिए, एक लोकसभा के स्पीकर, एक राज्य सभा के चेयरपरसन, सांसदों के प्रवेश के लिए 1 एंट्रेंस और 2 पब्लिक एंट्रेंस होगा। भवन में फर्नीचर्स पर स्मार्ट डिस्प्ले होगा। वोटिंग में आसानी के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम होगा। नए संसद भवन में ट्रांसलेशन सिस्टम खास आकर्षण होगा, जिससे हर भाषा की स्पीच को हर सांसद समझ सके।
नए संसद भवन में कुल 120 आफिस हैं,  जिसमें कमिटी रूम, मिनिस्ट्री आफ पार्लियामेंट्री अफेयर्स के आफिस, लोक सभा सेक्रेट्रिएट, राज्य सभा सेक्रेट्रिएट, पीएम आफिस आदि होंगे। इसमें सेंट्रल हाल नहीं बनाया गया है। लोकसभा चैंबर 3015 वर्ग मीटर एरिया में बना होगा। इसमें 543 सीट की जगह 888 सीट हैं। ज्वॉइंट सेशन के दौरान लोकसभा चैंबर में 1224 सांसद एकसाथ बैठ सकेंगे। अभी लोकसभा में 590 लोगों की सीटिंग कैपेसिटी है। नई लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है। अभी राज्यसभा में 280 की सीटिंग कैपेसिटी है। नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोग बैठ सकेंगे।
इतना ही नहीं संसद के हर अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस हैं। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए भी हाईटेक ऑफिस की सुविधा है।
कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक है। कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं। नए भवन के आफिसों में पेपरलेस काम किया जाएगा। 
कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था है।
नए संसद भवन में सेंट्रल हॉल नहीं होगा। इसकी जगह कमेटी हॉल होगा। इसमें विशेष तौर पर बेहद खूबसूरत संविधान कक्ष बनाया गया है। इसके अतिरिक्त लाउंज, पुस्तकालय, कैंटीन की सुविधा उपलब्ध होगी।
एनआईएफटी के डिजाइन किए यूनिफॉर्म में नजर आएंगे मार्शल।
मौजूदा संसद भवन को 95 साल पहले 1927 में बनाया गया था। मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग ओवर यूटिलाइज्ड हो चुकी है और खराब हो रही है। इसके साथ ही लोकसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन के बाद जो सीटें बढ़ेंगीं, उनके सांसदों के बैठने के लिए पुरानी बिल्डिंग में पर्याप्त जगह नहीं है। इसी वजह से नई बिल्डिंग बनाई जा रही है।
लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों ने पांच अगस्त 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था। इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। तब उन्होंने कहा था कि संसद की नई बिल्डिंग से अधिक सुंदर कुछ नहीं हो सकता, जब भारत अपनी आजादी के 75 साल मनाएगा। तिकोने आकार के नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। इस बिल्डिंग को पिछले साल नवंबर में पूरा हो जाना था। इसको बना रही टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने बताया कि कोरोना लाकडाउन में भी काम बन्द नहीं हुआ। 
 संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। अब संसद का नवनिर्मित भवन जहां एक और भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को और अधिक समृद्ध करने का कार्य करेगा, वहीं अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस भवन में सदस्यों को अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से परफॉर्म करने में भी सहायता मिलेगी।
संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था है। भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 जबकि राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है। दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चैम्बर में ही आयोजित होगा। 
1971 के बाद से सांसदों की संख्या नहीं बढ़ाई गई दरअसल, साल 1971 के बाद से लोकसभा और राज्यसभा में सांसदों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है। कई बार 33 फीसदी संख्या बढ़ाने पर विचार हुआ। वर्तमान में 25 लाख की आबादी पर एक सांसद है जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसे पुराने संसद भवन से 17,000 वर्गमीटर बड़ा बनाया गया है।
भविष्य में संसद के दोनों सदनों में सांसदों की संख्या बढ़ाने की संभावना का नए संसद भवन के निर्माण में ख्याल रखा गया है। इसमें 1,224 (लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 384) सांसदों के बैठने की व्यवस्था है।
कर्तव्य पथ, संसद भवन के अलावा प्रधानमंत्री का ऑफिस-घर, सेंट्रल सेक्रेटेरियट की बिल्डिंग और वाइस प्रेसिडेंट एन्क्लेव भी सेंट्रल विस्टा पावर कॉरिडोर का हिस्सा हैं। इन्हें केंद्र सरकार की एजेंसी CPWD बना रही है।

 



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