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मनोरंजन | भोला- 3D में एक्शन का जादू लेकिन 3 बहुत बड़ी गलतियां
भोला- 3D में एक्शन का जादू लेकिन 3 बहुत बड़ी गलतियां
अगर एक्शन फिल्मों के दीवानें हैं तो अजय देवगन की एक्शन पैक्ड मूवी भोला आपके लिए ही बनी है। 144 मिनट तक 3 डी स्कीन पर इतने एक्शन मिलेंगे कि आपको लगेगा दीवाली आ गई। इतने दमदार और अलग तरह के एक्शन देखकर एकबारगी आप हॉलीवुड फिल्मों को भूल जाओगे। सुपरहिट तमिल फिल्म कैथी का रीमेक बनाने में अजय देवगन ने मेहनत तो बहुत की है, लेकिन कुछ बड़ी गलतियां भी कर गए।
100 करोड़ के बजट में बनी भोला ने पहले ही दिन करीब 15 करोड़ का कारोबार करके जबरदस्त ओपनिंग ली है। उनकी पिछली फिल्म दृश्यम-2 ने 15 करोड़ 38 लाख की ओपनिंग ली थी, जो सुपरहिट रही। भोला के डायरेक्टर और को-प्रोड्यूसर भी अजय ही हैं। फिल्म में तब्बू और संजय मिश्रा जैसे उम्दा कलाकार भी हैं। ये 2019 में आई तमिल फिल्म कैथी की ऑफिशियल हिंदी रीमेक है। अजय देवगन ने एक्शन, टेकनीक और कहानी का तरीका भी बदल दिया है।
फिल्म की कहानी दस साल जेल की सजा़ काटकर बाहर निकले जांबाज कैदी अजय देवगन उर्फ भोला की है। जेल से रिहा होकर जब वो अपनी बेटी से मिलने निकलता है तो रास्ते में पुलिस ऑफिसर डायना जोसेफ बनी तब्बू उसे रोक लेती है। भोला से मना करने के बावजूद डायना उससे ट्रक चलाकर हॉस्पिटल पहुंचाने की जिद करती है। जब वो ट्रक लेकर निकलता है तो रास्ते में डायना की जान के दुश्मन बने कई ड्रग्स माफिया उस पर हमला कर देते हैं । उस ट्रक में बेसुध पड़े 40 आला पुलिस अफसर भी
हैं, जिनकी जान बचाने का नैतिक दबाव भोला पर है। कुछ समय बाद भोला की तीसरी आंख खुलती है तो दुश्मनों की खैर नही रहती। फिल्म में त्रिशूल का जो कमाल दिखाया गया है, वैसा शायह ही किसी बॉलीवुड फिल्म में पहले दिखा हो। अजय देवगन के चेहरे के बदलते रंग और गुस्सा स्कीन पर कहर ढा देता है। फिल्म में अश्वत्था उर्फ आशु यानी विलेन बने दीपक डोबरियाल, संजय मिश्रा, मकरंद देशपांडे, गजराज राव और विनीत कुमार ने बेहतरीन काम किया है, लेकिन सबसे ज़्यादा स्कीन टाइम मिला है तब्बू को। भूखी शेरनी की तरह तब्बू ज़्यादातर भोला के साथ ही दिखती है।
एक्टिंग के महारथी अजय देवगन ने अपने डायरेक्शन से एक्शन सीक्वेंस
में कमाल किया है। 3 डी एक्शन ऐसे हैं कि कई बार आपको खुद पर हमला होता लगेगा। पहली बार देखेंगे कि शरीर से हड्डी बाहर निकलती दिखेगी।
इसलिए फिल्म थिएटर पर ही अच्छी लगेगी।
एक्शन के साथ ही बैकग्राउंड म्यूजिक, स्टंट सीन्स और सिनेमैटोग्राफी कमाल की है। जिस तरह आखिर में मशीनगन वाला सीन्स मूल फिल्म कैथी में गमचैंजर साबित हुआ था, वैसे कमाल यहां नहीं दिखा, लेकिन फिर भी जबरदस्त है। एक्शन के दम पर फिल्म में दर्शकों को बांधन की कोशिश की गई है. लेकिन लार्जन दैन लाइफ वाली फाइट देखकर एक समय बाद आपको बोरियत भी हो सकती है। फिल्म में डॉयलॉग भी बहुत कम हैं, अजय देवगन केवल हाथ-पैर और आंखों से ही बात करते हैं। अगर फिल्म में थोड़े फैमिली सीक्वेंस और हल्की फुल्की कॉमेडी डाली होती तो फिल्म एक फुल पार्टी पैकेज बन सकती थी। यहां आकर फैमिली फिल्मों के शौकीन दर्शकों को फिल्म में कमी दिखने लगती है।
फिल्म के आखिर में एक जबरदस्त ट्विस्ट डाला गया है, जो इशारा कर रहा है कि इसका सीक्वेल बनेगा। फिल्म के अगले पार्ट में हमें अभिषेक बच्चन
एक बार फिर बतौर खूंखार विलेन भोला की जिंदगी तबाह करते दिखेंगे। पूरी फिल्म में जिस विनीत कुमार के किरदार के लिए आशु महाभारत मचाता रहता है, उसका विस्तार भी अगले पार्ट में दिखना मुमकिन है। तो कुल मिलाकर अगर एक्शन मूवी के दीवाने हो तो इस फिल्म को मिस मत करना।