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पर्यटन | बारिश बीतने के बाद गोमुख-तपोवन ट्रैक फिर गुलजार, पर्वतारोही पहुंचने लगे
बारिश बीतने के बाद गोमुख-तपोवन ट्रैक फिर गुलजार, पर्वतारोही पहुंचने लगे
उत्तरकाशी- मानसून सीजन के बाद अब गोमुख-तपोवन ट्रैक फिर ट्रेकर्स से गुलजार हो गया है। वहीं, दूसरी ओर गंगोत्री ग्लेशियर की ऊंची विषम चोटियां परीक्षा ले रही हैं। ग्लेशियर में भी भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन की ओर से देश की ऊंची चोटियों को चिह्नित किया गया है।
इसमें समुद्रतल से सात हजार मीटर से लेकर पांच हजार तक की चोटियां शामिल हैं। मानसून में दो माह गोमुख-तपोवन ट्रैक बंद होने के बाद गंगोत्री नेशनल पार्क ने 16 सितंबर को ट्रेकर्स के लिए खोल दिया था।
इस वर्ष इस ट्रैक को कठिन श्रेणी में शामिल किया गया है, बावजूद उसके 14 दिन में 1,181 ट्रेकर्स गोमुख और तपोवन पहुंच चुके हैं। साथ ही छह पर्वतारोहियों का दल गंगोत्री ग्लेशियर की ऊंची चोटियों के लिए आरोहण के लिए रवाना हो चुका है।
इसमें चार विदेशी और दो भारतीय दल शामिल हैं। वहीं, पूरे सीजन में अब तक 19 दल पर्वतारोहण के लिए जा चुके हैं। इसमें आठ विदेशी और 11 भारतीय पर्वतरोहियों का दल शामिल है। दुनिया के सबसे ऊंचे ट्रैक कालिंदी पास के लिए अब पांच भारतीय और तीन विदेशियों का दल जा चुका है।
कनखू बैरियर के इंचार्ज वन दरोगा राजवीर रावत ने बताया, मानसून के बाद एक बार फिर ट्रेकर्स और पर्वतारोहियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।
जिला प्रशासन के निर्देशानुसार गंगोत्री ग्लेशियर क्षेत्र में ट्रेकिंग और पर्वतारोहण के लिए जाने वाले सभी पर्वतारोहियों से सभी नियमों का पालन करवाया जा रहा है। क्षेत्र में सतोपंथ सहित भागीरथी प्रथम, द्वितीय व तृतीय, जोगिन प्रथम, द्वितीय, रद्रगैरा जैसी ऊंची-ऊंची चोटियां शामिल हैं।