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उत्तराखंड | उत्तराखण्ड में मोटा अनाज बेचने की दिक्कतें दूर, हाईटेक बनेंगी मंडिया
उत्तराखण्ड में मोटा अनाज बेचने की दिक्कतें दूर, हाईटेक बनेंगी मंडिया
उत्तराखंड में किसान मोटा अनाज बेचने के लिए खरीद केंद्रों पर पहुंचने लगे हैं। उत्तराखंड सहकारी संघ (यूसीएफ) ने 31 जनवरी तक करीब 14467 क्विंटल मोटा अनाज खरीदा है। मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। एक नवंबर 2022 से 31 जनवरी 2023 तक उत्तराखंड सहकारी संघ ने पौड़ी, बागेश्वर, टिहरी, चमोली, उत्तरकाशी, चंपावत, नैनीताल, अल्मोड़ा और रुद्रप्रयाग जिले से 4860 किसानों से कुल 14467 क्विंटल मोटा अनाज खरीदा है।
इसमें 14093 क्विंटल मंडवा, 231 क्विंटल झंगोरा, 17 क्विंटल सोयाबीन और 126 क्विंटल चौलाई खरीदी गई है। किसानों से 3578 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मंडवा खरीदा जा रहा है। 27 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से झंगोरा, चार सौ की दर से सोयाबीन और पांच सौ रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से चौलाई खरीदी जा रही है।
सहकारिता मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। सहकारिता विभाग के अंतर्गत यूसीएफ को किसानों के द्वार पर जाकर अनाज खरीदने और भुगतान के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में 670 पैक्स समितियों के माध्यम से मोटे अनाजों की खरीद की जा रही है।
उत्तराखंड सहकारी संघ के एमडी रमिन्द्री मंद्रवाल ने बताया कि
पिछले कुछ वर्षों में मोटे अनाजों की डिमांड बढ़ी है। नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड निवास और उत्तराखंड भवन में पहाड़ी उत्पादों का भोजन बनाया जाता है। इसे लोग खूब पसंद करते हैं। अन्य महानगरों में भी पहाड़ी उत्पादों की मांग बढ़ी है। इसे यूसीएफ पूरा कर रहा है।
कृषि मंत्री ने शुक्रवार को मंडी परिषद के प्रबंध निदेशक से भेंट की। उन्होंने मंडी के कार्यों की जानकारी ली। मंडियों को हाइटेक बनाने की संभावनाओं पर काम करने के निर्देश दिए। मंत्री जोशी ने कहा किसानों को कहीं भटकना न पड़े, इसके लिए एक छत के नीचे सभी मंडियों को हाईटेक रूप में विकसित किया जाए। साथ ही मंडी अधिकारियों को किसानों के सुविधानुसार मंडी में सुनयोजित ढंग से काम करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने थोक बाजारों के प्रबंधन में व्यावसायिकता लाने, कृषि विपणन में निवेश को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करने के भी निर्देश दिए।