मंगलवार, 5 दिसम्बर 2023 | 01:26 IST
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उत्तराखंड में नगर निकायों के चुनाव अभी क्यों नहीं कराना चाहती है सरकार ?


एक दिसंबर को उत्तराखण्ड के नगर निकायों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, लेकिन सरकार अभी नगर निकाय चुनाव नहीं कराना चाहती है। कार्यकाल समाप्त होते ही सरकार इनमें प्रशासक तैनात कर देगी। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इसकी पुष्टि की है। प्रदेश में करीब 84 नगर निकाय के बोर्ड का कार्यकाल एक दिसंबर को पूरा हो जाएगा।
कायदे से नए बोर्ड के चुनाव के लिए अभी तक प्रक्रिया आरंभ हो जानी चाहिए थी। लेकिन अभी निकायों में ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए गठित एकल आयोग भी अपना सर्वे पूरा नहीं कर पाया है।
इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग ने भी निकायों के चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने के लिए कार्यक्रम तैयार किया है। बकौल अग्रवाल, इन दोनों प्रक्रियाओं के गतिमान होने की वजह से तय समय पर चुनाव कराना मुमकिन नहीं है। 
जानकारों का मानना है कि अब निकाय चुनाव अगले वर्ष लोकसभा चुनाव के बाद ही हो पाएंगे। इस बीच शहरी विकास निदेशालय ने भी शासन को दो दिसंबर से छह महीने के लिए निकायों में प्रशासक तैनात करने का प्रस्ताव भेज दिया है।
निदेशालय ने एकल आयोग की सिफारिशें प्राप्त न होने और निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव के लिए मतदाता सूची बनाने की प्रक्रिया शुरू करने को आधार बनाया है।
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि एक दिसंबर के बाद चुनाव संभव नहीं हो पाएंगे। अभी मतदाता सूची बनाने और ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया चल रही है। इसलिए अब निकायों में प्रशासक नियुक्त करेंगे। 

 



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