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चारधाम यात्रा से मिलते हैं कितने शुभ फल, पूरा महत्व जान लीजिए


चार धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा शुरू हो गई है। धार्मिक ग्रंथों में चार धाम यात्रा को शुभ माना गया है। चार धाम की यात्रा करने से व्यक्ति को हर तरह का पापों नष्ट होते हैं और व्यक्ति को मुक्ति मिलती है। चार धाम भी दो है पहले छोटे चार धाम और दूसरे बड़े चार धाम जिसमें बद्रीनाथ, जगन्नाथ, रामेश्वरम और द्वारिका धाम। तो आइए जानते हैं छोटे चार धाम की यात्रा करने से क्या शुभ फल मिलते हैं और इनका क्या महत्व है।
इन चारों स्थानों पर दिव्य आत्माओं का निवास है। इन चारों ही धाम को बहुत पवित्र स्थान माना जाता है। बद्रीनाथ को जहां सृष्टि का आठवां वैकुंठ कहा जाता है। जहां भगवान विष्णु छह महीने निद्रा में रहते हैं और छह महीने जागते हैं। वहीं. केदारनाथ को भगवान शंकर के आराम करने का स्थान बताया गया है। केदारनाथ में दो पर्वत है नर और नारायण। विष्णु के 24 अवतारों मे से एक नर और नारायण ऋषि की यह तपोभूमि है। इन्हें के तप से प्रसन्न होकर केदारनाथ में शिवजी ने दर्शन दिए थे।
चार धाम यात्रा से मिलने वाले शुभ फल
पाप हो जाते हैं नष्ट: मान्यताएं हैं कि इस यात्रा को करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
चार धाम यात्रा करने से मिलती है मुक्ति
कहते हैं कि इस यात्रा में मृत्यु को प्राप्त हो जाना शुभ माना जाता है। इन धामों की यात्रा करने से व्यक्ति को जीवन मुक्ति प्राप्त हो जाती है। बद्रीनाथ के बारे में कहा जाता है कि जो जाए बदरी, वो न आए ओदरी । इसका अर्थ है कि जो एक बार बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता है उसे उदर यानी गर्भ में नहीं जाना पड़ता। शिव पुराण के मुताबिक जो व्यक्ति केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का पूजन कर जो मनुष्य वहां का जल पी लेता है उसका दोबारा जन्म नहीं होता है।
आयु में वृद्धि
जब भी तीर्थ यात्रा के लिए कोई जाता है तो उसे पैदल चलना पड़ता है। पैदल चलने से व्यक्ति का शरीर सुगठित और पुष्ट होता है। तीर्थ यात्रा करने से व्यक्ति हर तरह की जलवायु का सामना करना होता है जिसके चलते वह काफी सेहतमंद बना रहता है और नए नए अनुभव प्राप्त करता है।
जवानी में तीर्थ पर जाने से मिलता है लाभ
हिंदू धर्म में चार धामों की तीर्थ यात्रा करने के महत्व के संबंध में विस्तार से उल्लेख मिलता है। इसके माध्यम से व्यक्ति देश के संपूर्ण लोगों, भाषा, इतिहास, धर्म और परंपरा आदि से परिचित होते हैं और बौद्धिकता और आत्मज्ञान के रास्ते भी खोल लेता है। अधिकतर लोग बुढ़ापे में तीर्थ यात्रा के लिए जाते हैं लेकिन, जो जवानी में ही तीर्थ यात्रा पर जाता है समझो उसने सब कुछ हासिल कर लिया।
देश और धर्म के बारे में मिलती है जानकारी
तीर्थ यात्रा करने से व्यक्ति को देश और धर्म के बारे में कई बातें जानता है। पुरोहितों से मिलकर अपने कुल खानदान के बारे में जानता है। यदि आप उनके आश्रम में नहीं ठहरते हैं तो आपको उनसे मिलने का मौका मिलता है।
अलग-अलग संस्कृति और धर्मों का चलता है पता
तीर्थ यात्रा के दौरान व्यक्ति को अलग-अलग संस्कृति, धर्म, भाषा और भोजन का पता चलता है। यात्रा के दौरान व्यक्ति को अलग अलग लोगों से मिलने का मौका मिलता है जिनके जरिए आप जान सकते हैं कि लोग और उनके विचार कैसे हैं। यात्रा करने से जीवन में कई रंग भर जाते हैं।
मिलते है नए अनुभव
चार धाम की यात्रा करने से व्यक्ति को नए अनुभव तो होते ही हैं साथ ही हमारी स्मृतियां और सोच भी बढ़ती है। और तो और यात्रा करने से प्रकृति गांव और कस्बों के अलग-अलग नजारे देखने को मिलते हैं।

 



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