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देश | पुलिस और CID को चकमा देकर कैसे सूरत भागे शिवसेना के बागी ? उद्धव को ख़बर नहीं लगी। खुल गया राज़!
पुलिस और CID को चकमा देकर कैसे सूरत भागे शिवसेना के बागी ? उद्धव को ख़बर नहीं लगी। खुल गया राज़!
महाराष्ट्र में शिवसेना और बागियों के बीच जबर्दस्त सियासी संग्राम अभी भी जारी है। शिवसेना और 2019 में बनी महाविकास अघाड़ी सरकार अपने गठन के बाद के भारी संकट से जूझ रही है। इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में बागी विधायक महाराष्ट्र पुलिस व उनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर कैसे सूरत पहुंच गए? ये सवाल सबके मन में उठ रहा है। उनके गुजरात कूच की भनक राज्य की खुफिया पुलिस को भी कैसे नहीं लगी?
सियासी और सत्ता संग्राम का चरम आना अभी बाकी
महाराष्ट्र में जारी सियासी और सत्ता संग्राम का चरम आना अभी बाकी है। शिवसेना टूटेगी क्या, उद्धव की सीएम कुर्सी बचेगी या जाएगी, कौन होगा नया सीएम, क्या भाजपा के साथ बागी बनाएंगे सरकार, क्या अब शिंदे होंगे सीएम या देवेंद्र फडणवीस के हाथ फिर आएगी कमान, एमवीए का क्या होगा, राज्य में राष्ट्रपति शासन के आसार तो नहीं हैं? विधानसभा भंग तो नहीं करना पड़ेगी, राज्यपाल व डिप्टी स्पीकर क्या फैसले लेंगे? इन्हीं सवालों के बीच घिरा है पूरा देश।
सुरक्षा गार्डों व कार्यकर्ताओं की आंखों में बागी विधायकों ने कैसे झोंकी धूल?
ऐसे कई सवालों के बीच सभी के मन में यही सवाल बार बार घुम रहा है कि आखिर मुंबई जैसे महानगर की चाक चौबंद सुरक्षा व खुफिया निगरानी के बीच बागी विधायक कैसे रफूचक्कर हो गए। वे अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ ही कार्यकर्ताओं की भी आंख में धूल झोंकने में कैसे गायब हुए। क्या यह उद्धव सरकार की बड़ी गुप्तचर विफलता नहीं है? आपको बता दें कि इन सवालों के जवाब एक पुलिस अधिकारी ने दिए हैं।
आपको बता दें कि मुंबई के एक पुलिस अधिकारी ने दावा किया है कि बागी विधायकों ने अपने-अपने सुरक्षा अधिकारियों को निजी कारणों से कहीं जाने की बात कही। इसलिए सरकारी मशीनरी को कोई शंका नहीं हुई। उसने उन पर निगरानी भी नहीं रखी, न ही उनकी किसी साजिश या योजना को लेकर पुलिस व सीआईडी को कोई आशंका पैदा हुई। जब बड़ी देर तक ये विधायक नहीं लौटे तो कार्यकर्ताओं ने अपने वरिष्ठ नेताओं और सुरक्षा अधिकारियों ने अपने वरिष्ठ अफसरों को इस बारे में सूचित किया। अधिकारी ने कहा कि कुछ अन्य विधायकों के मामले में भी ऐसा हुआ है।
- सबसे पहले पुलिस अधिकारी ने कहा कि मुंबई के एक विधायक अपने कार्यालय में बैठे थे और नारियल पानी की चुस्की ले रहे थे। इसके कुछ ही देर बाद उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि वे कुछ ही मिनटों में लौट आएंगे और वहां से चले गए।
- वहीं शिवसेना के एक अन्य विधायक ने कहा कि उन्हें किसी काम से घर जाना है। उनके साथ युवा शिवसेना का एक पदाधिकारी उनकी कार में यात्रा कर रहा था, लेकिन कुछ दूर चलने के बाद विधायक ने उसे उतरने के लिए मजबूर किया और आगे बढ़ गए।
- एक और दूसरे विधायक ने अपने सुरक्षा कर्मियों को एक होटल के बाहर जाने के लिए कहा। यह कहते हुए कि उन्हें अंदर कुछ काम है, लेकिन अपने गार्ड को छोड़ कर दूसरे गेट से रफूचक्कर हो गए।
और अब 48 विधायकों के साथ गुवाहाटी की होटल में हैं शिंदे
एकनाथ शिंदे। बुधवार से शिवसेना के कम से कम 38 बागी विधायकों और 10 निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी की एक होटल में डेरा डाले हुए हैं। इससे पूर्व दो दिन ये सूरत की होटल में रहे थे। शिंदे गुवाहाटी से ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर हमले बोल रहे हैं। इसके साथ ही राज्यपाल व डिप्टी स्पीकर को पत्र लिख रहे हैं। वहीं से वे भावी राजनीतिक समीकरण बैठा रहे हैं।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में मौजूदा सियासी संकट 20 जून को हुए विधान परिषद के चुनाव के चंद घंटों बाद उभरा। इन चुनावों में विपक्षी बीजेपी अपनी ताकत से ज्यादा पांच सीटें जीतने में कामयाब हुई। इसके पहले राज्यसभा चुनाव में भी उसने राज्य के शिवसेना, कांग्रेस व राकांपा के महाविकास अघाड़ी गठबंधन को पटखनी दी थी। विधान परिषद के नतीजे आने के बाद से शिंदे से शिवसेना का संपर्क नहीं हो पा रहा था। जिसके बाद ही कुछ घंटे बाद वे बागी विधायकों के साथ सूरत में नज़र आए थे।