होम |
खेल | उत्तराखंड की वन्दना ने इतिहास रचा, 300वां मैच खेलने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी बनीं
उत्तराखंड की वन्दना ने इतिहास रचा, 300वां मैच खेलने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी बनीं
उत्तराखंड की बेटी भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया ने एक बार फिर इतिहास रचा है। ओलंपिक खेलों में हैट्रिक बनाने वाली पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी वंदना अब 300 वां अंतरराष्ट्रीय हॉकी मैच खेलने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी बन गई है। उसका बड़ा भाई पकंज बताता है कि कभी एक जोड़ी जूतों के लिए संघर्ष करने वाली उसकी छोटी बहन ने कड़ी मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया है।
वंदना मूल रूप से उत्तराखंड के हरिद्वार जिले की निवासी है। रांची के गोमके जसपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम में चल रहे महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में उसने 300 वां अंतरराष्ट्रीय हॉकी मैच खेलकर प्रदेश और देश का गौरव बढ़ाया है। वंदना के बड़े भाई पंकज के मुताबिक इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उसने काफी संघर्ष किया।
कभी परिवार की यह स्थिति थी कि एक हॉकी स्टिक और अच्छे जूते पाना भी बड़ा सपना था। पंकज ने बताया कि वह खुद हॉकी और अन्य खेल खेलते थे, तब वंदना 12 साल की थी, उसे और उसकी दूसरी बहन रीना दोनों को विभिन्न खेलों में प्रतिभाग का शौक था, लेकिन खेलने के लिए दोनों बहनों के पास जूते नहीं थे। जबकि
पिता ने दिया खेल मैदान में डटे रहने का हौसला
रोशनाबाद स्टेडियम में बिना जूतों के प्रवेश नहीं करने दिया जाता था। यही वजह थी कि दोनों बहनें स्कूल से जल्दी आकर बारी-बारी से उसके जूते पहनकर स्टेडियम में खेलने के लिए चले जाया करती थी। उनके पिता नाहर सिंह ने भी उन्हें खेल मैदान में डटे रहने का हौसला दिया।
हॉकी में अपनी कड़ी मेहनत व संघर्ष के बूते विश्व में नाम कमाने वाली वंदना कटारिया को 2022 में पद्यश्री पुरस्कार मिला। वह 2017 में महिला एशिया कप जीतने वाली भारतीय टीम की सदस्य रही।
वंदना कटारिया की मां सौरण देवी बताती हैं कि उनकी बेटी हॉकी में नाम रोशन कर रही हैं। इससे परिवार के सभी लोग खुश हैं। उसके पिता ने उसके लिए जो सपना देखा था उसे वह पूरा करने में लगी है।