मंगलवार, 5 दिसम्बर 2023 | 01:08 IST
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अब हाई पावर ऑगर मशीन से जिंदगी की उम्मीद, ऑपरेशन पर सीएम की नजर


उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 40 श्रमिकों की जान सुरंग में कैद है। पिछले 78 घंटे से सिलक्याला सुरंग में 40 जिंदगियों की सांस अटकी हुई है। इन श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चल रहे खोज बचाव अभियान में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न हो रही है। पहले कैविटी वाले क्षेत्र से लगातार गिरा और मलबे ने राह रोकी और फिर मशीन खराब हो गई।
दिल्ली से एयरलिफ्ट कर लाई जा रही नई मशीन के लिए सुरंग के अंदर प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। गत मंगलवार को बनाए गए प्लेटफार्म और खराब हुई ऑगर ड्रिलिंग मशीन को हटाया गया है।
इन्हें सुरक्षित बचाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी पहल की है। पीएमओ के निर्देश पर वायु सेना के तीन हरक्यूलिस विमान से हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन नई दिल्ली से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचाई गई। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से 32 किलोमीटर दूर सिलक्यारा तक ट्रेलर में पहुंचाने का कार्य गतिमान है। 
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने  कमिश्नर गढ़वाल, आईजी गढ़वाल एवं राहत एवं बचाव में लगी एजेंसियों  से  सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन और टनल में फंसे श्रमिकों की कुशलक्षेम की पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। 
 सिलक्यारा सुरंग में जो श्रमिक फंसे हैं वह शनिवार की शाम को रात्रि शिफ्ट के दौरान सुरंग में चले गए थे। रविवार की सुबह उन्हें बाहर आना था। परंतु भूस्खलन के कारण वहीं फंसे। इन श्रमिकों के लिए पानी की निकासी के पाइप के जरिये चने, चिप्स, मुरमुरे, ड्राई फ्रूट और ऑक्सीजन भेजी जा रही हैं। मंगलवार को दवा भी भेजी गई। परंतु श्रमिकों ने खैनी, गुटखा की भी मांग की। रेस्क्यू कार्य में जुटे श्रमिकों ने खैनी गुटखा, बीड़ी को भी पाइप के थ्रो भेजा। 

 



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