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मनोरंजन | कई खामियों के बावजूद बेहतरीन थ्रिलर है कार्तिक आर्यन की मूवी फ्रेडी
कई खामियों के बावजूद बेहतरीन थ्रिलर है कार्तिक आर्यन की मूवी फ्रेडी
कार्तिक आर्यन की मूवी फ्रेडी डिज्नी हॉटस्टार पर रिलीज हो चुकी है। कई खामियों के बावजूद फिल्म काफी रोमांचक है। पथकथा थोड़ी और कसी हुई होती तो फ्रेडी एक बेहतरीन फिल्म बन सकती थी।
कहानी कुछ यूं है- मुंबई के उच्च मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मा, पला-बढ़ा फ्रेडी जिनवाला दांतों का डॉक्टर है। क्लीनिक में मरीजों की लाइन लगी रहती है। तीस की दहलीज पर खड़ा है, पर अकेला है। शादी तो दूर की बात, डेट करने के भी लाले हैं। लड़की सामने आती है तो आत्मविश्वास डोल जाता है। जुबान लड़खड़ाने लगती है। घुटनों में कंपकंपी होने लगती है। इसीलिए, पांच सालों से मेट्रिमोनियल साइट पर प्रोफाइल बना होने के बावूजद अकेला है।
फ्रेडी सहमा-सा, संकोची और एकाकी क्यों है, इसके पीछे बचपन की एक मार्मिक घटना है, जिससे फ्रेडी की पर्सनैलिटी का पूरा खाका ही बिगड़ गया। मगर... रुकिए! अगर फ्रेडी की इस शख्सियत को आप सच मान रहे हैं और सोच रहे हैं कि उसके साथ कुछ भी करके निकल जाएंगे तो यह आपके जीवन की कायनाज ईरानी। खूबसूरत पारसी लड़की। रेस्टॉरेंट मालिक रुस्तम की पत्नी। एक पार्टी में फ्रेडी को मिलती है। कायनाज के साथ दुनिया बसाने का सपना यह पता चलते ही चकनाचूर हो जाता है कि वो शादीशुदा है। मगर, फ्रेडी पहली नजर में ही कायनाज को अपनी कायनात मान चुका है और यह पता चलने पर कि साफदिल कायनाज घरेलू हिंसा की मारी भी है तो फ्रेडी किसी भी हद तक जाकर उसकी मदद करने के लिए तैयार हो जाता है। आखिरी गलती साबित हो सकती है।
अपने लिए फ्रेडी की दीवानगी में कायनाज को जालिम पति से छुटकारा पाने का रास्ता नजर आता है। दब्बू दिखने वाला फ्रेडी कायनाज को पाने के लिए रुस्तम के कत्ल की फूलप्रूफ साजिश रचता है और अंजाम देता है। मगर, सब कुछ निपटाने के बाद जब कायनाज को अपनाने के लिए उसके घर पहुंचता है तो पता चलता है कि कायनाज भी वो नहीं, जो दिखती है। वो तो पहले ही एक ब्वॉयफ्रेंड के आगोश में बैठी है। फ्रेडी टूट जाता है। ब्वॉयफ्रेंड के हाथों पिटता भी है। कायनाज को समझने में फ्रेडी ने भी भूल कर दी...!
इसके बाद शुरू होता है- प्रेम और भरोसे में चोट खाये फ्रेडी और अपने दिल में साजिशों का संसार छिपाए बैठी कायनाज के बीच बदले का माइंड गेम। फ्रेडी कायनाज से कैसे बदला लेता है, कायनाज कैसे शशांक घोष के निर्देशन में बनी फ्रेडी मुख्य रूप से इन्हीं दोनों किरदारों के बीच प्रेम, प्रपंच, फरेब और बदले की कहानी है। मगर, कहानी जिस तरह से दिखायी गयी है, वो टुकड़ों में असर छोड़ती है। एक-दो ट्विस्ट्स को छोड़ दें तो स्क्रीप्ले बिल्कुल सपाट है। फ्रेडी और कायनाज के बीच सीधे-सीधे चलता है। काफी हद तक प्रेडिक्टेबल भी है। जहां सस्पेंस की गुंजाइश होती है, वहां भी लेखन में आलस नजर आता है।
कार्तिक आर्यन का अभिनय फ्रेडी का सबसे मजबूत पक्ष है। थ्रिल के मोर्चे पर कमजोर कहानी को उन्होंने अकेले संभाला है। फ्रेडी के किरदार में कार्तिक ने उस खांचे को तोड़ने में कामयाबी हासिल की है, जिसकी शुरुआत धमाका के साथ कर दी थी। इस खांचे में सिर्फ लवर ब्वॉय कार्तिक नजर आता था। फ्रेडी को पेश करने के लिए कार्तिक ने जो शारीरिक भाषा पकड़ी है और उसे पकड़कर रखा है, जिसके लिए उनकी तारीफ बनती है।