मंगलवार, 5 दिसम्बर 2023 | 01:33 IST
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मार्केट में शुगर-बीपी की नकली दवाइयां भी, ड्रग विभाग की छापेमारी में खुलासा


बीपी-शुगर, दिल सहित अन्य जानलेवा बीमारियों की जीवनरक्षक  दवाएं कहीं आपकी जान ही न ले लें। जी हां, चौंकिए बिल्कुल भी मत। ड्रग विभाग की छापेमारी में कई चौंकाने वाले खुलासा हुए हैं। छापेमारी के दौरान विभाग की ओर से 10 दवाओं  के सैंपल भी भरे हैं।
दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग की ओर से नकली दवाओं का मामला सामने आने के बाद औषधि विभाग ने अपनी विजिलेंस को सक्रिय कर आम लोगों के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया है। ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी के सख्त रुख पर सोमवार को औषधि नियंत्रण विभाग की टीम ने 11 दवा दुकानों पर छापेमारी की।
छह दुकानों में अनियमितता पाई गई, जिनको मौके पर बंद कराया गया। इस दौरान एक्सपायर दवाएं भी मिलीं। देहरादून के विभिन्न मेडिकल स्टोरों पर देहरादून पुलिस की कार्रवाई के बाद ड्रग विभाग भी सक्रिय हो गया।
बीते रोज ही नकली दवा बनाने की फैक्ट्री का खुलासा हुआ था। लिहाजा, ड्रग विभाग की ओर से सोमवार को विभिन्न मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी का अभियान चलाया गया। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, सिंह मेडिकल प्रेमनगर, कार्तिक मेडिकल प्रेमनगर, शिव शक्ति झाझरा में छापेमारी की गई।
बालाजी मेडिकल सुद्धोवाला, एके मेडिकल कंडोली, शिव शक्ति कंडोली को बंद कराया गया। इन दुकानों में दवाओं का सही तरीके रखरखाव नहीं था। लाइसेंस की वैधता समाप्त हो चुकी थी और नवीनीकरण नहीं हुआ था। कुछ जगह मौके पर फार्मासिस्ट भी नहीं मिले।
इन दुकानों पर छापेमारी के दौरान एक्सपायरी डेट की दवाएं भी मिलीं, जिन्हें बाकी दवाओं के साथ रखा गया था। मौके से दस दवाओं के सैंपल लिए गए। इस दौरान लाइसेंसिंग प्राधिकारी डॉ. सुधीर कुमार, औषधि निरीक्षक मानवेंद्र राणा, एफडीए विजिलेंस के उप निरीक्षक जगदीश प्रसाद रतूड़ी शामिल रहे।
नकली दवाओं का मामला सामने आने के बाद औषधि विभाग ने अपनी विजिलेंस को सक्रिय कर आम लोगों के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया है। ड्रग कंट्रोलर ताजबर जग्गी ने बताया कि टोल फ्री नंबर  18001804246 पर कोई भी व्यक्ति दवाओं से जुड़ी शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके साथ ही ड्रग कंट्रोलर ने आदेश जारी कर सभी औषधि एवं वरिष्ठ औषधि निरीक्षक और गढ़वाल-कुमाऊं की लाइसेंसिंग अथॉरिटी को आवंटित क्षेत्रों में दवाओं की गुणवत्ता की जांच करके रिपोर्ट देने को भी कहा।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि कई बार आदेश के बावजूद कई अफसर इसकी रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि आगे से इसे गंभीर लापरवाही मानकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कहा कि मेडिकल संचालकों की ओर से दवाओं में थोड़ी सी भी लापरवाही पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। 

 



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