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क्रिप्टोकरेंसी को कैसे टक्कर देगा डिजिटल रुपी ?


 

2016 में जब मोदी सरकार ने नोटबंदी की थी, तब उसके फायदे और नुकसान को लेकर बहस चल रही है। इस बीच नोटबन्दी के उतने ज़्यादा फायदे नहीं हुए, लेकिन डिजिटल करेंसी जरूर आ गई। इस बीच पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा है। फ्यूचर की करेंसी बताई जा रही क्रिप्टो को लेकर एक तबके में खासा जुनून देखा जा रहा है। दुनिया भर में क्रिप्टो के दामों में भारी उछाल भी आया। लेकिन भारत सरकार ने क्रिप्टो को मान्यता नहीं दी। अब सरकार क्रिप्टो की चुनौती से निपटने के लिए डिजिटल रुपी लांच करने जा रही है। 1 दिसंबर से आम उपभोक्ताओं के लिए डिजिटल रुपी की शुरुआत हो रही है।

 

Central Bank Digital Currency (CBDC) या डिजिटल रुपी सेंट्रल बैंक द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी करेंसी नोट्स हैं। Digital currency या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मौजूद रुपये को कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन (contactless transactions) में इस्तेमाल किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट, 2022 में इससे जुड़ा ऐलान किया था।

 

रिजर्व बैंक ने कहा है कि वह 1 दिसंबर को खुदरा डिजिटल रुपी के पहले पायलट या ट्रायल को लॉन्च करेगा। यह पायलट कुछ चुनिंदा ग्राहकों और व्यापारियों के समूह के बीच लॉन्च किया जाएगा। RBI ने इस ट्रायल के लिए 8 बैंकों को मौका दिया है, जो चरणबद्ध तरीके से इसमें शामिल होंगे। पहले चरण में 4 बैंकों की सहभागिता के साथ देश के 4 शहरों में शुरू होगा। इन बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), यस बैंक (Yes Bank) और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक शामिल (IDFC First Bank) हैं।

RBI की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि दूसरे चरण में चार और बैंकों को शामिल किया जाएगा, जिनमें बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India), HDFC बैंक (HDFC Bank) और कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) शामिल हैं।

बयान में कहा गया है, "यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू में चारो शहरों में सीमित होगा, जिसमें मुबंई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर शामिल है। बाद में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, कोचि, लखनऊ, पटना और शिमला को भी इसमें शामिल किया जएागा। धीरे-धीरे इस पायलट प्रोजेक्ट का दायरा बढ़ाकर इसमें और बैंक, यूजर्स और शहरों को शामिल किया जा सकता है।"

अब बात करते हैं डिजिटल RUPEE के फायदे क्या हैं ?

ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा, इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी भरोसेमंद नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। इस प्रकार देश में आने और बाहर जाने वाले पैसे पर ज्यादा कंट्रोल होगा। इसके अलावा -बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान, -चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा, नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा, पेपर नोट की प्रिटिंग का खर्च बचेगा। डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद हमेशा बनी रहेगी, CBDC को डैमेज नहीं किया जा सकेगा। सबसे बड़ी बात ये है कि इससे क्रिप्टो की दहशत खत्म होगी और लेनदेन साफ सुथरा हो जाएगा।



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