सोमवार, 16 सितंबर 2024 | 02:36 IST
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देवोत्थान एकादशी से शुरू हो जाएंगे शुभ कार्य, तुलसी विवाह की महत्ता जान लीजिए


देवोत्थानी एकादशी से भगवान श्री हरि के हाथों में भूलोक की सत्ता रहेगी। इस दिन से विवाह धार्मिक कार्य प्रारंभ होंगे। शुभ मुहूर्त बृहस्पतिवार 23 नवंबर को देवोत्थानी एकादशी और शुक्रवार 24 नवंबर को तुलसी विवाह होगा। देवगणों के जागते ही सभी मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाएगा।
असल में वैदिक पंचाग के अनुसार वर्ष में चौबीस एकादशी तिथि होती हैं। इस वर्ष तेरह माह के होने के कारण 26 एकादशी हैं। इन सभी एकादशी में सबसे महत्वपूर्ण देवोत्थान या प्रबोधिनी एकादशी को माना जाता है।
ज्योतिषी नवीन लोहानी  ने बताया कि एकादशी का व्रत 23 नवंबर को होगा। इस दिन रात 9: 02 बजे तक एकादशी रहेगी। 24 नवंबर को तुलसी विवाह एवं चातुर्मास व्रत पारायण होगा। पारायण इस दिन संभव न हो तो पूर्णिमा तक किसी भी तिथि में व्रत पारायण तुलसी विवाह कर लेना चाहिए।
ज्योतिषी प्रमोद शास्त्री  ने बताया कि कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि योग में अपनी निद्रा त्याग कर फिर से सृष्टि का संचालन करेंगे। इन योगों में सृष्टि का संचालन करना बहुत ही शुभ माना जाता है ।इसके साथ ही पांच माह का चातुर्मास भी समाप्त हो जाएगा। देवोत्थान एकादशी को अबूझ मुहूर्त मानकर विवाह भी किए जाते हैं।
प्रातःकाल स्नान कर व्रत का संकल्प लेकर पूजा स्थल पर चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु तथा माता महालक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। भगवान विष्णु को को शंख में गाय का दूध डालकर स्नान कराएं। फिर गंगाजल से स्नान कराकर पीले वस्त्र पहनाएं। घी का दीपक जलाकर पंचामृत, तुलसी और फल अर्पित करते हुए ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम का जाप कर आरती करें। मध्याह्न में घर के आंगन में भगवान विष्णु के पदचिन्हों की कलाकृत और देवोत्थान एकादशी का चित्र गेरू और खड़िया के घोल से बनाकर चित्र के बीच फल मिठाई और परंपरानुसार खाद्य पदार्थ रखकर टोकरी से ढक दें। सायं पूजा के समय पूजास्थल और घर के बाहर दीप जलाकर भगवान विष्णु के भजन गाते हुए उन्हें जागृत करें।
व्रत के दिन चावल, अनावश्यक जल, केले, बाल नाखून, साबुन का प्रयोग न करें। एकादशी को व्रत रख कर प्रातः काल भद्रा रहित मुहूर्त में पंचदेव पूजन करें और पूरे दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। दूसरे दिन द्वादशी तिथि को गणेश, भगवान विष्णु शालीग्राम, लक्ष्मी पूजन कर श्रद्धा पूर्वक तुलसी विवाह कर सुख शांति की कामना करें।

 



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