होम |
क्राइम | टुकड़े टुकड़े’ वाले इश्क के 10 बड़े सबक
टुकड़े टुकड़े’ वाले इश्क के 10 बड़े सबक
लिव इन में रहने वाली मुंबई की श्रद्धा वाकर को उसके ही प्रेमी ने 35 टुकड़ों में काट दिया.... दिल्ली पुलिस ने जब से इस मर्डर मिस्ट्री का खुलासा किया है, पूरी दुनिया हैरान है.. ये कैसा प्यार है.. जिस लड़की ने पूरी दुनिया छोड़कर प्रेमी पर भरोसा किया, उसी प्रेमी ने उसे दुनिया से उठा दिया...श्रद्धा वाकर की दर्दनाक कहानी में युवा पीढ़ी के लिए कुछ सबक हैं तो कुछ पैरेन्ट्स के लिए भी। युवा पीढ़ी, खासकर लड़कियों को समझना चाहिए कि केवल सोशल मीडिया प्रोफाइल पर लिखी अच्छी अच्छी बातों से कभी इंप्रेस नहीं होना चाहिए। आफताब की सोशल मीडिया प्रोफाइल में महिलाओं को सम्मान देने, महिला-पुरुष की बराबरी, एसिड अटैक पीड़ितों से हमदर्दी और सम्मान जैसी ढेरों बातें लिखीं थीं, लेकिन अब साबित हो गया कि असल जिन्दगी में वो कैसा था। इसी तरह किसी डेटिंग एप के ज़रिए मिले साथी से फौरन प्यार जताना भी बेवकूफी ही साबित होता है... क्योंकि इन रिश्तों में परिवार शामिल नहीं होता, इसलिए भविष्य में दिक्कत आने पर लड़कियां किसी को बता भी नहीं पाती,, वो अकेले ही रिश्ते को हैंडिल करने की कोशिश करती है, लेकिन कई बार श्रद्धा जैसा दर्दनाक अंत हो जाता है और परिवार को बाद में पता लगता है...
उधर श्रद्धा वाकर के पिता अब रो रहे हैं... पहले गुस्सा आया था, लेकिन आज बेटी के गम में कराह रहे हैं,,, काश उस दिन वो मेरी बात मान लेती तो उसके टुकड़े टुकड़े नहीं होते.... लेकिन इश्क में अंधे ये बच्चे, आजकल मां-बाप की कहां सुनते हैं....
जी हां, मुंबई के कॉल सेंटर में काम करने वाली 25 साल की श्रद्धा वाकर भी इश्क के नशे में अपनों को भूल गई थी। दोनों की दोस्ती बोंबल डेटिंग एप के जरिए हुई थी। जल्द ही दोनों में प्यार हो गया और मुंबई में लिव-इन में रहने लगे थे। जब उसने अपने पैरेन्ट्स को बताया कि मैं आफताब अमीन पूनावाला के साथ लिव-इन में हूं तो घरवालों ने विरोध किया। जितना समझा सकते थे, समझाया, मां ने मिन्नतें कीं.. दुनियादारी समझाने की कोशिश की, लेकिन श्रद्धा ने कहा-
मैं अब 25 साल की हो चुकी हूं, मुझे अपने फैसले लेने का पूरा हक़ है.. मुझे आफताब के साथ ही लिव-इन में रहना है...मैं आजसे आपकी बेटी नहीं...
जब मां-बाप ने सुना तो उनके होश उड़ गए..भारी मन से बेटी को जाते देखते रहे... मां-बाप हैं, इसलिए उसकी सलामती के बारे में पता करते रहे.. दोस्तों ने बताया कि दोनों कुछ दिन महाराष्ट्र के नया गांव में जाकर रहने लगे हैं... कुछ दिन बाद श्रद्धा के भाई श्रीजय को श्रद्धा के ही एक दोस्त ने फोन किया। उसने बताया कि आफताब अब श्रद्धा के साथ मारपीट करने लगा है... इस बीच बेटी के गम में श्रद्धा की मां की मौत हो गई...मां की मौत के बाद श्रद्धा ने पिता को फोन किया, तो उसे घर लौट आने को कहा, लेकिन वो तब भी नहीं मानी.. मारपीट करने वाले आफताब ने हर बार श्रद्धा को मना लिया.. उसके बाद पिता को भी गुस्सा आ गया और उन्होंने श्रद्धा को फोन करना छोड़ दिया.
इस बीच 14 सितंबर को श्रद्धा के दोस्त लक्ष्मण ने कॉल करके बताया कि उसका फोन दो महीने से बन्द है.. उसके बाद सबने महाराष्ट्र के मानिकपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई.. पुलिस से पता लगा कि श्रद्धा तो आफताब के साथ मई महीने में दिल्ली आ गई थी.. इस पर वे दिल्ली पहुंचे और महरौली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई.. जब पुलिस जांच आगे बढ़ी तो देश की सबसे खतरनाक मर्डर मिस्ट्री सामने आई...
पुलिस का पहला शक आफताब पर गया.. दिल्ली पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आफताब को पकड़ लिया. पहले आफताब ने ये कहकर पल्ला झाड़ना चाहा कि वो तो बहुत पहले ही उसे छोड़कर चली गई थी...वो कैरेक्टर लेस थी, किसी भी लड़के के साथ रहने लगती थी... बाद जब जब पुलिस ने कड़ाई की तो आफताब ने जो बताया उससे पुलिस के भी होश उड़ गए..
जांच में सामने आया है कि लिव इन में रहने के दौरान ही कुछ समय बाद दोनों के बीच झगड़ा होने लगा। ये एक-दूसरे पर संदेह करते थे। इस कारण इनमें झगड़ा होता रहता था। इनको लगा कि वह बाहर घूमने जाएंगे तो सब ठीक हो जाएगा। ये हिमाचल प्रदेश घूमने के लिए गए और लौटकर दिल्ली आ गए। 15 मई को इन्होंने छतरपुर, महरौली में किराए पर कमरा लिया। तीसरे दिन ही 18 मई को इनमें झगड़ा हो गया और आफताब ने एक हाथ से श्रद्धा का मुंह दबाया। जब श्रद्धा चिल्लाने लगी तो आरोपी ने दूसरे हाथ से उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने शव को बाथरूम में रखा।पूछताछ में आफताब ने बताया कि श्रद्धा उसपर लगातार शादी का दबाव बना रही थी. हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाना मुश्किल था, इसलिए आरी से उसके 35 टुकड़े किए... कितना दरिंदा निकला श्रद्धा का प्रेमी... जिस लड़की से प्यार का दम भरा, उसे ही काटने चला,.. क्या उसके हाथ नहीं कांपे ?
लेकिन वो बहुत शातिर था..श्रद्धा की हत्या के बाद खून साफ करने का तरीका जानने के लिए गूगल किया था। पुलिस ने दावा किया है कि आफताब ने मानव शरीर की संरचना के बारे में भी वहां से जानकारी जुटाई थी। श्रद्धा की हत्या के बाद से ही आफताब शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाने लगा। आफताब ने पुलिस को बताया कि उसने मानव शरीर की रचना के बारे में पढ़ा था ताकि शरीर को काटने में मदद मिल सके। पुलिस ने कहा कि उन्होंने आफताब के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को जब्त कर लिया है और इसकी पूरी तरह से जांच की जाएगी। गैजेट्स और गूगल सर्च हिस्ट्री को वेरिफाई करने के बाद पुलिस आफताब के कबूलनामे को साबित कर सकती है। लेकिन शरद्धा की दर्दनाक दास्तान युवाओं के लिए बड़ा सबक भी है... लिव इन में रहने वालों को इससे ज़रूर सबक लेना चाहिए,