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विचार | क्या गिरफ्तार हो जाएंगे दिल्ली के सीएम केजरीवाल ?
क्या गिरफ्तार हो जाएंगे दिल्ली के सीएम केजरीवाल ?
नवीन पाण्डेय, संपादक
दिल्ली शराब घोटाले में डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के बाद अरविन्द केजरीवाल भी लपेटे में आ गए हैं। केजरीवाल पर हाथ डालने से पहले वैसे ईडी ने सुबूत जुटाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। 2 नवंबर को ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया है।
ईडी का कॉन्फिडेन्स तब बढ़ा जब सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि ईडी से मिले सबूतों के आधार पर इतना लग रहा है कि दिल्ली शराब घोटाले में 338 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। इसके बाद केजरीवाल के लिए भी खतरे की घंटी बज गई थी. लेकिन पहला सवाल है कि क्या अरविन्द केजरीवाल ईडी के सामने पेश होंगे और दूसरा सवाल है क्या केजरीवाल को अभी ईडी गिरफ्तार करने की हिम्मत जुटा पाएगी ? केजरीवाल के खिलाफ क्या वाकई सुबूत हैं भी या केवल विधानसभा चुनावों के चलते केजरीवाल पर निशाना साध दिया गया है। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी मर्लेना ने आशंका जताई है कि ईडी 2 नवंबर को अरविंद केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर लेगी।क्या शराब घोटाले में पूरी आम आदमी पार्टी अंदर चली गई तो इससे बीजेपी को सियासी लाभ मिलेगा ? आइये करते हैं पूरी पड़ताल।
दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के नेताओं पर बारी-बारी से शिकंजा कसता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देने के इनकार किया तो प्रवर्तन निदेशालय यानी ED
का कॉन्फिडेंस बढ़ गया। उसने फौरन दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी समन भेज दिया। अब केजरीवाल को 2 नवंबर को ईडी के सामने पेश होना है। केजरीवाल से पहले मनीष सिसोदिया और संजय सिंह इसी मामले में जेल जा चुके हैं। ईडी की चार्जशीट में आप के एक अन्य प्रमुख नेता राघव चड्ढा का भी जिक्र हो चुका है। उधर, पंजाब के आप विधायक कुलवंत सिंह के ठिकानों पर भी शराब घोटाले के मामले में ही छापेमारी चल रही है। ये तो हुए आम आदमी पार्टी के नेताओं की बात, इनके अलावा कारोबारी एवं अन्य लोग भी दिल्ली शराब घोटाले के लपेटे में आ चुके हैं। कारोबारी तो बिजनेस के लिए सही गलत सब करते हैं, लेकिन जनता का भरोसा जीतकर संवैधानिक पद हासिल करने वाले नेता भी क्या वाकई ऐसा कर सकते हैं?
आम आदमी पार्टी के लोग लगातार दावा कर रहे हैं कि बीजेपी सियासी बदला चुकाने के लिए शराब घोटाले में उनके नेताओं को फंसवा रही है, जबकि ईडी के पास कोई सुबूत नहीं है। लेकिन फिर सवाल खड़ा होता है कि अगर ईडी कोई सुबूत पेश नहीं कर रही है तो फिर इतने लंबे वक्त से मनीष सिसौदिया की जमानत मंजूर क्यों नहीं हो रही ? इतना ही नहीं सांसद संजय सिंह को भी कोई राहत नहीं मिली है कोर्ट से। सूत्रों का दावा है कि केजरीवाल के खिलाफ सुबूत जुटाने और छोटे गवाहों का कॉन्फिडेंस तोड़ने के लिए ईडी को लगता है कि बड़ी मछली पर हाथ डालना जरूरी है। तभी मिडिलमैन की भूमिका निभाने वाले बिचौलिये टूटेंगे और ईडी के दावों के हिसाब से कोर्ट में बयान देंगे। लेकिन सियासी जानकारों का मानना है कि जिस तरह से चुनावों से पहले ईडी उसी तरह से काम कर रही है, जैसा कि आप नेता पहले से आरोप लगा चुके हैं, उससे शक भी खड़ा होता। आखिर एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ की चुनावी सभाओं में केजरीवाल चुनाव प्रचार कर रहे हैं, और ठीक इस दौरान उनको पूछताछ के लिए बुलाना क्या साबित करता है ? केजरीवाल के वकील बड़ी आसानी से इन चुनावों की दलील देकर पूछताछ की डेट आगे बढ़ाने की अपील कर सकते हैं। ऐसे में इसकी संभावना कम ही है कि केजरीवाल पहले ही नोटिस पर ईडी के सामने पेश हो जाएंगे।
दूसरा बीजेपी भी अभी केजरीवाल की गिरफ्तारी कतई नहीं चाहेगी, क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो चुनावों में सैंपेथी मिल सकती है। कई जगह आप उम्मीदवार बीजेपी के ही वोट काट रहे हैं।
वैसे दिल्ली शराब घोटाले की जांच दो केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं- सीबीआई और ईडी। ईडी ने अपनी एक चार्जशीट में दावा किया है कि 'घोटाले के लिए बनाई गई' नई आबकारी नीति दरअसर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजीरवाल के दिमाग ही उपज थी। अरविंद केजरीवाल का नाम प्राइवेट कंपनियों के लिए कमीशन तय करने, शराब कारोबार में दक्षिण भारत के नेताओं और कारोबारियों को हिस्सेदार देने संबंधी मामलों में आया है। ईडी ने इस वर्ष जनवरी में दायर चार्जशीट में दावा किया था कि बिजनसमैन समीर महेंद्रू से केजरीवाल ने ही कहा था कि विजय नायर उनका आदमी है और महेंद्रू, नायर पर भरोसा कर सकते हैं। नायर ने वीडियो कॉल करके महेंद्रू और केजरीवाल की बात करवाई थी। मनीष सिसोदिया के सचिव रहे सी अरविंद ने 7 दिसंबर, 2022 को जांच एजेंसियों के सामने अपना बयान दर्ज करवाया कि होलसेल बिजनस के लिए प्रॉफिट मार्जिन बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने की जानकारी उन्हें सीएम केजरीवाल के आवास पर ही दी गई। ईडी ने दावा किया कि आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी ने केजरीवाल से मुलाकात की थी और केजरीवाल ने दिल्ली के शराब कारोबार में उनकी हिस्सेदारी के लिए बधाई दी थी।
अरविंद केजरीवाल के सबसे खास और दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। उसके बाद ईडी का भी शिकंजा कस गया। ईडी ने कोर्ट की अनुमति से उन्हें 10 मार्च को गिरफ्तार कर लिया। अभी सिसोदिया ईडी और सीबीआई, दोनों की जांच का सामना कर रहे हैं। दोनों जांच एजेंसियों ने सिसोदिया को दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी बनाया है। कई अन्य आरोपो के साथ ही सिसोदिया पर ये भी आरोप है कि उन्होंने बिजनसमैन अमित अरोड़ा से करीब 2 करोड़ बीस लाख रुपये की रिश्वत ली। जाहिर है सिसौदियौ और केजरीवाल दोनों पर लगभग एक जैसे ही आरोप बनते हैं। सूत्रों का दावा है कि सरकारी दस्तावेजों में केजरीवाल के दस्तखत नहीं है। केवल बयानों के आधार पर उनको लंबे समय तक घेरे रखना भी आसान नहीं होगा।
सीबीआई ने जहां सिसोदिया को भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत आरोप मढ़े हैं, वहीं ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी बनाया है। सीबीआई ने नई आबकारी नीति में धोखाधड़ी और घुसखोरी के आरोप में अन्य 14 लोगों के साथ मनीष सिसोदिया पर 17 अगस्त, 2022 को केस दर्ज किया था। फिर ईडी ने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि मनीष सिसोदिया तीन महीने से पहले जमानत याचिका दाखिल नहीं कर सकते। तीन महीने बाद वो तभी जमानत मांग सकते हैं जब उन्हें लगे कि शराब घोटाले में उनके खिलाफ मामले की सुनवाई में लेट-लतीफी हो रही है।
सांसद संजय सिंह को ईडी ने 4 अक्टूबर, 2023 को गिरफ्तार कर लिया. उनके खिलाफ सबसे बड़ा सुबूत बना सरकारी गवाह दिनेश अरोड़ा का बयान। दिल्ली शराब घोटाले में पूछताछ के दौरान आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का नाम दिनेश अरोड़ा ने लिया। दिनेश अरोड़ा अब इस मामले में सरकारी गवाह बन गया है। उसने पूछताछ में बताया कि आप के लिए फंड जुटाने के एक कार्यक्रम में उसकी मुलाकात संजय सिंह से हुई थी। उसके बाद वह मनीष सिसोदिया के संपर्क में आया। ईडी की चार्जशीट में कहा गया है कि संजय सिंह ने दिनेश अरोड़ा को आप के लिए फंड जुटाने की जिम्मेदारी दी तो उसने कई रेस्तरां मालिकों से बात की और मनीष सिसोदिया को 32 लाख रुपये का चेक दिया। ईडी ने अपनी चार्जशीट में इसी वर्ष जनवरी में संजय सिंह का नाम जोड़ा था जब दिनेश अरोड़ा ने ईडी को बताया कि संजय सिंह ने दिल्ली में शराब कारोबार के सिलसिले में रेस्त्रां मालिकों के साथ बैठक की थी। अदालत में उनकी जमानत याचिका बार-बार खारिज हो रही है। पंजाब में आम आदमी पार्टी के सबसे अमीर विधायक कुलवंत सिंह का नाम भी दिल्ली शराब घोटाले से जुड़ा है। इस संबंध में ईडी ने मंगलवार को कुलवंत के आवास समेत करीब दो दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की। इनमें कई हवाला कारोबारियों से जुड़े ठिकाने भी शामिल हैं। कुलवंत सिंह आप विधायक के साथ-साथ पंजाब के बड़े रियल एस्टेट बिजनसमैन हैं। बताया जाता है कि उनका करीब 1,500 करोड़ रुपये का कारोबार है।
तो जाहिर है ईडी ने अब सबसे बड़ी मछली यानी केजरीवाल पर हाथ डाल दिया है। लेकिन बीच में तगड़ी सियासत भी है। क्या केजरीवाल के लिए इँडिया गठबंधन से आवाज़ आएगी- ये भी देखने वाली बात होगी।