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सेहत | मरने से पहले शरीर देता है ये 5 संकेत. पकड़ लिया तो बच भी सकती है जान
मरने से पहले शरीर देता है ये 5 संकेत. पकड़ लिया तो बच भी सकती है जान
किसी के बारे में निश्चित तौर पर ये बता पाना काफी मुश्किल होता है कि उसकी मौत कब होगी. हालांकि, शरीर मौत के कुछ समय पहले से ही संकेत देना शुरू कर देता है. अगर किसी के शरीर में हो रहे बदलावों को ध्यान से देखकर लक्षणों को पहचाना जाए तो ये पता चल सकता है कि उसकी मौत होने वाली है. जिस व्यक्ति की मौत होने वाली होती है, उसके शरीर, त्वचा, आंखों और श्वसन तंत्र में तेजी से बदलाव होता है. इनमें कुछ इतने स्पष्ट होते हैं कि ध्यान से देखने पर आसानी से पता चल जाता है कि उसकी मौत होने वाली है. हालांकि, फिर भी ये बताना करीब-करीब नामुमकिन होता है कि मृत्यु कब होगी?
अगर किसी व्यक्ति की मौत होने वाली है तो वो अपनी आंखों को बार-बार ज्यादा समय के लिए बंद करने लगते हैं. वहीं, कई बार उनकी आंखें आधी ही खुली रहती हैं. इसके अलावा ऐसे व्यक्ति के चेहरे की मांसपेशियां काफी शांत नजर आती हैं. साथ ही उसका जबड़ा ज्यादातर समय हल्का खुला ही रहता है. मरने वाले व्यक्ति की त्वचा धीरे-धीरे पीली पड़नी शुरू हो जाती है. सांसों के चलने की रफ्तार बदल जाती हैं. वहीं, ऐसे लोग सांस लेते समय ज्यादा आवाज करने लगते हैं. हालांकि, कुछ लोगों में इसके उलट बिना आवाज की धीमी सांस लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.
जिन लोगों की मौत बहुत जल्दी ही होने वाली होती है वे सांस लेना काफी कम कर देते हैं. कहा जा सकता है कि वे समय-समय पर ही सांस लेते हैं. आपको ऐसा लगेगा कि उन्होंने अभी सांस ली और फिर कुछ सेकेंड तक सांस ली ही नहीं. कुछ लोगों के सांस लेने और छोड़ने के बीच इतना अंतराल आ जाता है कि परिजनों को अक्सर लगता है कि उन्होंने शरीर छोड़ दिया है. लेकिन, जैसे ही वे दोबारा सांस लेते हैं तो पता चलता है कि अभी उनका जीवन बाकी है. इसी चक्कर में कई बार डॉक्टर जिन्दा लोगों को भी मरा घोषित कर देते हैं। मरने वाला इंसान बिलकुल आखिरी समय में लोग एक मिनट में दो या तीन बार ही सांस लेने लगता है. सांस हमेशा के लिए रुकने से पहले कुछ समय तक हर आती और जाती सांस के अंतराल के कारण ऐसा लगता है कि सब खत्म हो गया.
किसी के लिए भी मृत्यु का पल अक्सर बहुत गहरा कष्ट देता है. इससे फर्क नहीं पड़ता कि मरने वाला व्यक्ति इसकी उम्मीद कितने लंबे समय से कर रहा था. कुछ लोगों को अपनी जिन्दगी अहम पल नजरों के आगे से फिल्म की तरह गुजरने लगते हैं। इसीलिए वह इंसान किसी से बात करना चाहता हो या परिवार व मित्रों को कॉल करके उनसे बात करना चाहता हो. कुछ लोग आखिरी समय में बिलकुल अकेला रहना पसंद करते हैं. कुछ लोग उदासी से भरा हुआ महसूस करते हैं. उनके आसपास मौजूद लोगों के लिए ये सोचना भी मुश्किल है कि मरने वाला व्यक्ति कैसा महसूस करता है. मृत्यु का पल मरने वाले व्यक्ति को अचंभित कर देता है. हर व्यक्ति के मरने और शोक का अनुभव अलग होता है.