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पर्यटन | चारधाम यात्रा की पूरी जानकारी, यात्रा के बदले हैं ये नियम, ये काम बिल्कुल न करें
चारधाम यात्रा की पूरी जानकारी, यात्रा के बदले हैं ये नियम, ये काम बिल्कुल न करें
हिन्दू धर्म को मानने वाले सभी आस्तिकों का एक सपना ज़रूर होता है- जीवन में कम से कम एक बार चारधाम की यात्रा जरूर हो जाए। यही कारण है कि उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल रीजन में पढ़ने वाले चारधाम की यात्रा सीजन में हर साल लाखों लोग उमड़ पड़ते हैं। साल 2023 की पहली यात्रा 22 अप्रैल से शुरू होनी है, 25 को केदारनाथ के कपाट खुलेंगे और इसके लिए अब तक 15 लाख लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।- और अभी लाखों लोग और कराएंगे। तो आइये आपको चारधाम यात्रा में इस साल क्या बदलाव किए गए हैं, प्रशासन के सामने क्या चुनौतियां हैं और आपको घर से निकलने से पहले किन बातों का ध्यान रखना है, सभी एक एक करके बता देते हैं।
देवभूमि उत्तराखण्ड में हरिद्वार-ऋषिकेश के मैदानी इलाकों से होते हुए गढ़वाल रीजन के पहाड़ों पर कठिन चढ़ाई चढ़ते हुए चारधाम मिलते हैं।
इनमें से 3415 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बद्रीनाथ धाम उत्तराखण्ड के
चमोली जिले में पड़ता है, जो कि नर और नारायण पहाड़ियों के बीच स्थित है। अलकनंदा नदी के तट पर बसा बद्रीनाथ धाम देहरादून के जोलीग्रांट एयरपोर्ट से लगभग 317 किलोमीटर की दूरी पर है। तो दूरी का मोटा मोटा अनुमान लगाने के लिए आपके बता दें कि दिल्ली से केदारनाथ की दूरी – 458 किलोमीटर है, चण्डीग़ढ से केदारनाथ की दूरी -387 किलोमीटर, नागपुर से केदारनाथ -1421 किलोमीटर और बंगलौर से केदारनाथ -2484 किलोमीटर है। यानी आप किसी भी दिशा से आएं, अंदाजा लगा सकते हैं। हवाई जहाज से केदारनाथ के लिए आप देहरादून हवाई अड्डा जोलीग्रांट जा सकते हैं। यह केदारनाथ से लगभग 239 किलोमीटर की दूरी पर है। आप ऋषिकेश से जोशीमठ के लिए टैक्सी बुक कर सकते हैं। आप उत्तराखण्ड के विभिन्न स्थानों से संचालित होने वाली हेलीकाप्टर सेवाओं के माध्यम से केदारनाथ जा सकते हैं। केदारनाथ जाने के लिए हेलीकाप्टर pawan Hans ,heritage aviation ,UT air, Himalayan heli आदि की सेवाएं हैं।
अब तक फाटा, सिरसी और गुप्तकाशी से हेली सेवा के छह रूटों का आवंटन किया गया है। फाटा से केदारनाथ का किराया 5500 रुपए तय हुआ है इसी तरह सिरसी से केदारनाथ का किराया 5498 तय हुआ है। केदारनाथ हेली सेवा के टिकटों की बुकिंग के लिए आईआरसीटीसी ने वेबसाइट लांच कर दी है। इसके लिए heliyatra.irctc.co.in का ट्रायल चल रहा है।
यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग मार्ग पर संचालित घोड़े खच्चर और डंडी कंडी का किराया जिला पंचायत की और से तय किया गया है। इस बार तीर्थ यात्रियों को घोड़े खच्चर का किराया 2500 रुपए देने होंगे। जो कि पिछले साल से 1100 रुपए ज्यादा है। जबकि डंडी कंडी किलिए 8 हजार रुपए देने होंगे। इससे पहले 6400 रुपए था। प्रीपेड काउंटर से ही दोनों की व्यवस्था होगी।
आपको बता दें की चारधाम यात्रा परंपरागत रूप से पश्चिम दिशा से पूर्व की ओर की जाती है। चार धाम की यात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है। यह यात्रा यमुनोत्री के बाद गंगोत्री, गंगोत्री के बाद केदारनाथ और अंत में केदारनाथ से बद्रीनाथ तक की जाती है। श्रद्धालु/भक्तजन सबसे पहले यमुनोत्री और गंगोत्री जाते हैं और अपने साथ यमुना और गंगा नदी का पवित्र जल लेकर केदारनाथ में इस जल से केदार /शिवजी का जलाभिषेक करते हैं। क्या आप जानते हैं उत्तराखंड के चार धाम को भारत का छोटा चार धाम भी कहा जाता है।केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और पंच केदार में सबसे महत्पूर्ण धाम है।
यात्रा पर निकलने से पहले आपको रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है।
आपको चार धाम पंजीकरण के लिए उत्तराखंड टूरिज्म की आधिकारिक वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर विजिट करना होगा।
ऑनलाइन होटल बुकिंग के लिए आधिकारिक वेबसाइट gmvnonline.com है। आप चाहें तो विभिन्न होटल्स की वेबसाइट पर जाकर भी ऑनलाइन बुकिंग करा सकते हैं। टूरिस्ट हेल्पलाइन का नंबर 0135 – 2559898 हमेशा अपने पास रखें।
आपको यात्रा के दौरान अपने दस्तावेजों को सम्बंधित अधिकारी /पुलिस अधिकारी को दिखाना होता है। इसलिए आधार कार्ड, पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड या कोई सरकारी ऑफिस का पहचान पत्र दिखा सकते हैं।
ज़्यादातर यात्री जो ट्रेन या बसों से आते हैं वे सबसे पहले हरिद्वार या ऋषिकेश पहुंचते हैं। देहरादून से बद्रीनाथ के लिए कई हेलीकाप्टर सेवा प्रदान की गयी हैं। हेलीकॉप्टर से बद्रीनाथ की यात्रा लगभग 100 किलोमीटर है। आप बद्रीनाथ के सबसे निकट रेलवे स्टेशन ऋषिकेश ,हरिद्वार और कोटद्वार से जा सकते हैं। सबसे अच्छा रेलवे स्टेशन हरिद्वार है। यदि आप ट्रैन से बद्रीनाथ जाना चाहते हैं तो हरिद्वार रेलवे स्टेशन से जाएँ क्यूंकि ऋषिकेश फ़ास्ट ट्रैन से नहीं जुड़ा है और कोटद्वार में बहुत कम ट्रेनें हैं।
ऋषिकेश से बदरीनाथ के लिए रोजाना सुबह साढ़े पांच बजे और केदारनाथ-सोनप्रयाग के लिए सुबह साढ़े छह बजे नियमित सेवा लगाई गई है। एक बस ऋषिकेश से गंगोत्री धाम के लिए भी लगाई गई है, जिसका वक्त सुबह छह बजे का रखा गया है। अगर वाल्वो बस चाहिए तो एक यात्री के लिए लग्जरी बस का किराया 5700 तय किया गया है। यह लग्जरी बस आपको 10 दिन में चार धाम यात्रा करवाएगी। रोडवेज ने ऋषिकेश बस डिपो काउंटर पर चारधाम के टिकट बुकिंग सेवा भी शुरू कर दी है, जहां यात्री सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक एडवांस टिकट बुक करा सकते हैं। इसके साथ हीआनलाइन टिकट बुकिंग सेवा भी शुरू की जा रही है। यात्री (8476007540) नंबर पर काल कर बसों के संबंध में जानकारी ले सकते हैं।
हरिद्वार रेलवे स्टेशन और राही होटल में भी आपको ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन सेंटर मिल जाएगा। अगर आप जल्दबाजी में रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाएं हैं तो यहां करा सकते हैं। टूरिस्ट सेंटर पर बाकी जानकारी भी ले सकते हैं. अगर लंबी यात्रा करके आए हैं तो यहां रात्रि विश्राम भी कर सकते हैं। बहुत सी धर्मशालाएं और होटल हैं, लेकिन पहले से बुकिंग होगी तो आसानी होगी। यहां से यात्रा शुरू करते हैं तो दूरी का अंदाजा लगा लीजिए। ऋषिकेश से बद्रीनाथ की दूरी -301 किलोमीटर है, जो कि पहाड़ी ऊचाई वाला रास्ता है। सबसे पहले हरिद्वार- वहां से 24 किलोमीटर आगे ऋषिकेश- यहां से 71 किमी आगे देवप्रयाग, यहां से 30 किमी) आगे कीर्तिनगर – यहां से (4 किमी) आगे- श्रीनगर- श्रीनगर से – (34 किमी) आगे रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग से 20 किमी आगे गौचर। यहां से 12 किमी आगे कर्णप्रयाग। कर्णप्रयाग से – 20 किमी आगे नंदप्रयाग। यहां से 11 किमी आगे चमोली जिला मुख्यालय। मुख्यालय से 8 किमी) आगे बिरही- यहां से गौरीकुंड होते हुए 17 किलोमीटर का पैदल ट्रैक आपको केदारनाथ ले जाएगा. बद्रीनाथ के रास्ते पर बिरही से 9 किमी आगे पीपलकोटी। फिर (5 किमी आगे गरुड़ गंगा। फिर 15 किमी आगे हेलंग। हेलंग से 14 किमी आगे जोशीमठ - यहां से 13 किमी आगे विष्णुप्रयाग। यहां से 8 किमी आगे गोविंदघाट। यहां से 3 किमी आगे पांडुकेश्वर- यहां से 10 किमी हनुमानचट्टी- फिर 11 किमी आगे श्री बद्रीनाथ धाम है ।
यात्रा शुरू करने से पहले ध्यान रखें कि इस बार प्रशासन की ओर से कुछ गाइडलाइंस जारी की गई हैं, उनका पालन जरूर करें। इस बार प्रतिबंधित जगहों के वीडियो बनाने पर तगड़ा जुर्माना लगाया जा रहा है। कोरोना को लेकर भी प्रशासन अलर्ट है। गंदगी करने वालों पर सख्ती की जाएगी।
यात्रा के दौरान आप बोतलबन्द पानी ही इस्तेमाल करें। सीनियर सीटिजन हैं तो हेल्थ सर्टिफिकेट जरूर कराकर आएं। पिछले साल साढ़े तीन सौ से ज़यादा बुजुर्गों को हार्ट अटैक आया था। इमरजेंसी दवाइयां पास जरूर रखें।
अपने साथ सनस्क्रीम रखें। यात्रा के दौरान उबला ,पका या तला हुआ खाना खाएं ,अपने साथ मच्छरों या उड़ने वाले कीटों से बचने वाली क्रीम रखें।
यात्रा में जाने से पूर्व यह सुनिश्चित करें की आप शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हों क्यूंकि यात्रा में 14000 फ़ीट की ऊंचाई पर ट्रैकिंग करनी पड़ती है।
यात्रा करने से पूर्व कम से कम एक महीने पहले चलने का अभ्यास शुरू कर दें क्यूंकि यह आपके यात्रा के दौरान काम आएगी। अपने साथ जरुरी चीज़ें जैसे थर्मल बॉडी वार्मर, रेनकोट, स्लीपिंग बैग ,कंबल ,टॉर्च ,वाटरप्रूफ जूते ,ऊनी कपडे आदि साथ रखें, नहीं तो आपको रास्ते से लेने पर ज़्यादा खर्च आ जाएगा। चढ़ाई में चढ़ने के लिए ऐसे कुली या टट्टू को रिराये पर लें जो रजिस्टर्ड हैं। यात्रा के लिए शॉर्टकट का चुनाव न करें यह आपको दुविधा में डाल सकता है।
ऐसी महिलायें जो साड़ी पहनती हैं उन्हें सलाह दी जाती है की वह सलवार सूट या ट्राउज़र को अपनी पहली चॉइस रखें क्यूंकि साड़ी के साथ यात्रा करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। तो प्रभु का नाम लेकर यात्रा शुरू कीजिए। आपकी यात्रा शुभ हो।