मंगलवार, 5 दिसम्बर 2023 | 01:22 IST
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बर्फबारी घटने से उत्तराखंड के राज्य-पुष्प बुरांश पर संकट, जलवायु परिवर्तन का असर


उत्तराखंड का राज्य वृक्ष बुरांश जलवायु परिवर्तन के कारण संकट के घेरे में है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ गिरने की दर में आ रही कमी बुरांश के फूलों के परिपक्व होने में बाधा बन रहा है। शोधकर्ताओं की मानें तो 2019 और 2023 में किए गए अध्ययन में पाया गया कि बर्फ की कमी के कारण बुरांश में पुष्पन नहीं हो पाया। इसे बुरांश के अस्तित्व के लिए चिंताजनक माना जा रहा है।
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के उच्च शिखरीय पादप कार्यिकी एवं शोध केंद्र (हैप्रक) ने अंतरिक्ष उपयोग केंद्र और इसरो अहमदाबाद के सहयोग से बुग्याली क्षेत्रों के फूलों की निगरानी के लिए तुंगनाथ में एक फेनोकैम लगाया है। फेनोकैम एक तरह का डिजिटल कैमरा है, जो वनस्पति की छवियों को कैप्चर करता है।
प्राप्त डाटा के आधार पर हैप्रक के निदेशक प्रो. एमसी नौटियाल के निर्देशन में शोध हुआ। इसे इंटरनेशनल रिसर्च जनरल ‘एनवायरमेंटल मॉनिटरिंग एंड असेसमेंट’ में प्रकाशित हुआ है। यह अध्ययन राज्य वृक्ष बुरांश पर किया गया। इसमें बताया गया कि बुग्याल क्षेत्रों पर बर्फ की अवधि में गिरावट पौधों की पुष्पावस्था प्रभावित कर रही है।
हैप्रक के निदेशक प्रो. एमसी नौटियाल का कहना है कि बुरांश की पुष्पावस्था जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हो रही है। बुरांश में फूल के लिए एक निश्चित ठंड अवधि (वर्नलाइजेशन) की आवश्यकता होती है, लेकिन बुग्याल क्षेत्रों में बर्फ के कम गिरने से उचित ठंड की अवधि नहीं मिल पा रही है। बुरांश के फूल पर कई पुष्प रसपान करने वाले कीट एवं भंवरे भी इनपर निर्भर हैं। फूल न बनने से परागण नहीं होने के कारण अन्य वनस्पतियां भी प्रभावित हो रही हैं।

 



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