होम |
पर्यटन | श्रीनगर गढ़वाल में बैकुंठ चतुर्दशी मेले की तैयारियां शुरू, 25 नवंबर को जुटेंगे लोग
श्रीनगर गढ़वाल में बैकुंठ चतुर्दशी मेले की तैयारियां शुरू, 25 नवंबर को जुटेंगे लोग
श्रीनगर गढ़वाल.उत्तराखंड अपनी सांस्कृतिक धरोहरों के लिए जाना जाता है, यहां के स्थानीय मेलों में देवभूमि की संस्कृति देखने को मिलती है. नवरात्रों के बाद से ही गढ़वाल क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में मेलो का आयोजन होता है, इनमें से कई ऐसे पौराणिक मेले हैं जिन्हें वापस जीवंत करने का प्रयास किये जा रहे हैं. ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व के लिए पूरे गढ़वाल क्षेत्र में पहचाने जाने वाला बैकुंठ चतुर्दशी मेले का खोया हुआ वैभव वापस लौटने वाला है. लम्बे समय के बाद इस वर्ष बैकुंठ चतुर्दशी मेला धूमधाम के साथ आयोजित किया जायेगा.श्रीनगर में बैकुंठ चतुर्दशी का मेला प्रतिवर्ष लगा करता है। विभिन्न पर्वों की भांति वैकुण्ठ चतुर्दशी वर्षभर में पडने वाला हिन्दू समाज का महत्वपूर्ण पर्व है। सामान्यतः दीपावली तिथि से 14 वें दिन बाद आने वाले साल का यह पर्व धार्मिक महत्व का है।
मेले के आयोजन को लेकर कवायदें तेज हो गई है. जिला प्रशासन व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुट गया है, साथ ही मेले को किस तरह भव्य स्वरूप दिया जाये इसके लिए भी रूपरेखा तैयार की जा रही है. दिवाली के 13 दिनों बाद बैकुंठ चतुर्दशी के दिन से बैकुंठ चतुर्दशी मेला आयोजित किया जाता है. इस वर्ष 25 नवम्बर से मेले का आयोजन होगा. कोरोना के चलते व जी एण्ड आईटीअसई मैदान के रेलवे परियोजना में चले जाने के बाद 2020 से मेला श्रीनगर गढ़वाल में आयोजित नहीं हो पाया था.
सात दिनों तक होने वाले इस मेले की तैयारियों में प्रशासन जुट गया है, स्थानीय विधायक व शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देशन में यह मेला नये स्वरूप में आयोजित हो रहा है. इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन को सौपींं गई है. जिलाधिकारी पौड़ी डॉ आशीष चौहान ने कहा कि मेले के आयोजन को लेकर अब भूमि का चयन भी शुरू कर दिया गया है. इसके लिए भक्तियाना में आवास विकास की खाली पड़ी भूमि पर खेल तमाशा एवं विकास प्रदर्शनियों के आयोजन पर मंथन चल रहा है जबकि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर के खेल मैदान व श्रीकोट स्टेडियम में स्कूली बच्चों की खेल कूद प्रतियोगिता आयोजित करने की कवायदें चल रही है.\