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उत्तराखंड | अंकिता भंडारी मर्डर के तीनों आरोपी पहली बार कोर्ट में पेश, कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
अंकिता भंडारी मर्डर के तीनों आरोपी पहली बार कोर्ट में पेश, कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड मामले में आज शनिवार को कोटद्वार एडीजे कोर्ट में तीनों आरोपियों की पेशी हुई। इस दौरान कोर्ट में तीनों आरोपियों पर आरोप तय कर दिए गए हैं। वहीं, तीनों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार नहीं किया और कोर्ट ट्रायल की प्रार्थना की। जिसके बाद कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 28 मार्च की तिथि नियत की है। साथ ही अंकित और पुलकित की जमानत प्रार्थना पत्र की याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी। इससे पहले भास्कर की जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई थी।
इस दौरान कोर्ट परिसर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने मांग की जांच के दौरान आए 'वीआईपी गेस्ट' के नाम का खुलासा किया जाए।
लगभग 8 महीने पहले हुए अंकिता भंडारी मर्डर में पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ आरोपी थे। इन तीनों की ही निशानदेही पर अंकिता भंडारी का शव चीला बैराज से बरामद किया गया था। आज पहली बार अंकिता की हत्या के मामले में तीनों को कोटद्वार कोर्ट में पेश किया गया है।
यह था मामला
अंकिता भंडारी यमकेश्वर के वनांतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। 19 सितंबर 2022 को वह लापता हो गई थी। इसके बाद एसडीआरएफ ने 24 सितंबर को चीला पॉवर हाउस नहर से अंकिता भण्डारी का शव बरामद किया। बाद में इस मामले में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित को जेल भेज दिया गया था। इस मामले में बीजेपी नेता का बेटा पुलकित मुख्य आरोपी बनाया गया था। इस केस की जांच के लिए डीआईजी कानून व्यवस्था पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई थी।
इन धाराओं में तय हुए आरोप
मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना), 354 (ए) (छेड़खानी व लज्जा भंग) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए।
दूसरे आरोपी सौरभ भास्कर पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए।
तीसरे आरोपी अंकित गुप्ता पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए।
पुलिस आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लेकर पहुंची। इस दौरान विभिन्न संगठन कोर्ट परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए। कई कांग्रेस कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए। वहीं, जैसे ही पुलिस आरोपियों को लेकर पहुंची कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। उन्हें रोका तो कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प शुरू हो गई। जिसके बाद पुलिस ने कोर्ट से सामने प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जबरन गिरफ्तार कर लिया।