मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023 | 03:24 IST
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कॉन्स फिल्म फेस्टिवल में रेड कार्पेट पर छाया 'उत्तराखंड का ऐपण'


उत्तराखंड का ऐपण बालीवुड अभिनेता अभिलाष थपलियाल के साथ कान फिल्म फेस्ट फेस्टिवल के रेड कार्पेट पर छा गया। कान के रेड कार्पेट लुक के लिए अभिलाष ने काले रंग के कुर्ते के साथ ऐपण डिजाइन वाला स्टोल पहना, जिसे ऐपण गर्ल मीनाक्षी खाती ने डिजाइन किया था।
दरअसल, अभिलाष चाहते थे कि फैशन की राजधानी के नाम से मशहूर कान के रेड कार्पेट पर जब वो पहली बार जाएं तो अपने साथ उत्तराखंड की पहचान को भी ले जाएं। अभिलाष ने अपना यह छोटा-सा प्रयास उत्तराखंड के निवासियों को समर्पित किया है।
उत्तराखंड निवासी रेडियो जाकी एवं अभिनेता अभिलाष थपलियाल अनुराग कश्यप की फिल्म ‘कैनेडी’ में महत्वपूर्ण किरदार निभा रहे हैं। कैनेडी के प्रीमियर के लिए वे टीम के साथ फ्रांस के शहर कान में हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में अभिलाष ने बताया कि, जब रेड कार्पेट पर लुक की बात हुई तो उन्होंने अपनी पहचान लेकर वहां जाने की सोची।
इसे लेकर उन्होंने अपनी डिजाइनर अमनदीप कौर से बात की और फिर ड्रेस के साथ ऐपण डिजाइन मैच करने का निर्णय लिया। इसके बाद उन्होंने मीनाक्षी खाती से संपर्क किया, जिन्होंने कई बेहतरीन डिजाइन बताए। बाद में स्टाल और कुर्ते के कालर पर ऐपण का बार्डर बनाया गया। वे चाहते हैं कि उत्तराखंड के लोग अपनी बोली और पहचान को अपनाएं। इससे न केवल हम अपनी संस्कृति को बचाएंगे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों तक इसे पहुंचाने में मदद मिलेगी।
स्टोल को डिजाइन करने वाली रामनगर निवासी मीनाक्षी खाती इस बात से काफी खुश हैं कि उनके ऐपण डिजाइन को कान जैसा अंतरराष्ट्रीय मंच मिला है। मीनाक्षी बताती हैं, अभिलाष की टीम ने ऐपण डिजाइन के लिए संपर्क किया था।
स्टोल के बार्डर पर हमने लहरिया बेल बनाई है, जो जीवन में निरंतरता, प्रगति, सुगंध और सुंदरता का संदेश देती है। इसके साथ ही मैग्पाई चिड़िया बनी है, जो खुशहाली का प्रतीक है। मीनाक्षी के अनुसार, कुमाऊंनी परंपरा के तहत पक्षियों को ऐपण में प्रेम और जीवन के प्रतीक के रूप में उकेरा जाता है। ऐपण कला प्रकृति से प्रेरित है, इसलिए इसमें हिमालय, पेड़, गार्गी बेल जैसी चीजें बनाई जाती हैं।
उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल की प्रसिद्ध लोक कला ऐपण को वर्ष 2021 में जीआइ टैग मिल चुका है। पुराने समय से ही पूजा के स्थान और घर के द्वार को खास मौकों पर ऐपण से सजाने की परंपरा रही है। हालांकि, अब ऐपण कला घर तक सीमित न रहकर देश-विदेश तक पहुंच गई है।
ऐपण डिजाइन में बनी नेम प्लेट, वाल पेंटिंग, पूजा की चौकी, कप-ट्रे समेत अन्य मिट्टी के बर्तनों की खासी मांग है। इसके साथ ही कपड़ों, खासकर साड़ियों पर बनाए जा रहे ऐपण को काफी पसंद किया जा रहा है।

 



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