मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023 | 01:51 IST
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विचार

महिला आरक्षण विधेयक में कितने पेंच हैं, सच्चाई जान लीजिए.

अगर उस समय सोनिया गांधी जी ने मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई होती तो आज इतिहास में मोदी की जगह उनका नाम होता- मनमोहन सिंह जी का नाम होता, निश्चित ही राहुल जी को इसका फायदा मिलता। लेकिन चलिए सियासत ऐसे ही काम करती है। और पढ़ें »

घोसी उपचुनाव में अखिलेश यादव की 'दमदार जीत' के 5 बड़े कारण

घोसी उपचुनाव का घमासान जैसे जैसे आगे बढ़ने लगा वैसे ही बीजेपी को अहसास होने लगा था कि अखिलेश ने सवर्ण प्रत्याशी सुधाकर सिहं को उतारकर कहीं न कहीं बढ़त ले ली है। बीजेपी ने बहुत कोशिश की कि बीएसपी किसी मुसलिम उम्मीदवार को उतार दें, लेकिन मायावती ने अपने वोटरों के सामने बीजेपी पर हमला कर दिया। यहीं से पहले उलझन में चल रहे बीएसपी समर्थकों को संदेश चला गया कि उनको क्या करना है। सवर्ण ने भी इस बार तय कर लिया था दलबदलू कहे जाने वाले दारा सिंह को सबक सिखाना है। और पढ़ें »

राहुल गांधी को 'डील' करने में बड़ी 'ग़लती' कर गए मोदी ?

लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को मिली ये बड़ी राहत कांग्रेस का हौसला बढ़ाने वाली है। 'मोदी सरनेम' पर टिप्पणी से जुड़े मानहानि केस में सूरत कोर्ट से राहुल गांधी को सजा सुनाए जाने और उसके बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द होने के बाद कांग्रेस की हालत एक ऐसी सेना की हो गई थी जिसका सेनापति ही चाहते हुए भी युद्ध में हिस्सा नहीं ले पा रहा। सेनापति की वापसी से सेना का जोश हाई होना लाजिमी है। और पढ़ें »

विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव क्यों लेकर आया ?

बुधवार विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया। अब ऐसे में सवाल है कि संख्याबल कम होने के बावजूद विपक्ष ऐसा क्यों कर रहा। और पढ़ें »

मोदी को हराने के लिए कांग्रेस को 'ख़ून का घूंट' पीना होगा !

यहां भी कांग्रेस को अखिलेश और जयंत के सामने सरेंडर करना होगा और ज़्यादा से ज़्यादा दस सीटों पर संतोष करना होगा। यह स्थिति बीजेपी के लिए बहुत फायदेमंद होगी। और पढ़ें »

दिल्ली की बाढ़ के लिए केजरीवाल कितने 'जिम्मेदार ' ?

'O जोन' यानी नदी का वो इलाका जहां किसी भी तरह का निर्माण प्रतिबंधित है, उसमें धड़ल्ले से अवैध निर्माण होते रहे। एनजीटी ने कभी यमुना किनारे खेती तक पर प्रतिबंध लगाया हुआ था, वहां अब खेती तो छोड़िए अवैध पक्के निर्माण तक धड़ल्ले से होते रहे हैं। और पढ़ें »

राजस्थान चुनाव में कोई सीएम चेहरा क्यों नहीं ?

कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों के फेसलेस होने की रणनीति ने पार्टी कार्यकर्ताओं को भ्रमित कर दिया है। जहां कांग्रेस नेता असमंजस में हैं कि उन्हें किस खेमे में जाना चाहिए, वहीं जमीनी स्तर के कार्यकर्ता और भी अधिक भ्रमित हैं। और पढ़ें »

पसमांदा मुसलमान को दलित आरक्षण का दांव कितना कारगर ?

मुसलमान और ईसाई दलितों के को अनुसूचित जाति में लाने के दायरे में लाने का मामला पिछले तीन दशकों से केंद्र सरकार के पास लटका पड़ा है. पिछले 18 साल से ये मामला सुप्रीम कोर्ट में झूल रहा है. और पढ़ें »

क्यों नहीं रुक पा रही है मणिपुर की हिंसा ? जिम्मेदार कौन ?

आप यूं समझ लीजिए कि इस समय मणिपुर का एक हिस्सा मैतेई लोगों के पास है, दूसरा कुकी लोगों के पास. हिंसा का जिस तरह का मंज़र दिखता है, वो एक दो चार दिन का नहीं, हफ़्तों तक चली हिंसा है, जिसमें घर बर्बाद हो गए हैं, लोग-बाग तबाह हो गए हैं, गांव के गांव उजड़ गए हैं.लोग मणिपुर के हालात को सीरिया जैसा बताने लगे हैं। और पढ़ें »

पसमांदा मुसलमान 2024 में बीजेपी को वोट क्यों देंगे ?

दरअसल भाजपा हिन्दू एकता के अपने विराट प्रोजेक्ट के तहत पहले ही ओबीसी के ग़ैर-यादव जातियों और ग़ैर जाटव दलितों के बीच अपना पैठ बना चुकी है, अब पसमांदा मुसलमानों को अपनी तरफ आकर्षित करके अपने सोशल इंजीनियरिंग को अभेद बना देना चाहती है. इसकी कवायद लम्बे समय से चल रही है, और पढ़ें »

पटना में मोदी विरोधी मोर्चे का महाजुटान कितना कामयाब ?

कांग्रेस की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके शीर्ष नेताओं की बैठक में मौजूदगी हो सके, इसके लिए तारीख 12 जून से बदलकर 23 जून की गई, ताकि राहुल गांधी और खड़गे इसमें शामिल हो पाए। और पढ़ें »

रेल हादसे ने मोदी की 9 साल की मेहनत पर पानी फेर दिया ?

ये सवाल पूछा जा रहा है कि इतनी टेक्नोलॉजी के बाद ये हादसा कैसे हो गया। इसे लोग रेलवे का एक बहुत बड़ा 'सिस्टमेटिक फेल्युअर' मान रहे हैं। जाहिर है इतने सवाल हैं तो जवाब तो सरकार को ही देना होगा और चुनावी साल में इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। और पढ़ें »

क्या अब गिरफ्तार हो जाएंगे बीजेपी सांसद बृजभूषण ?

पार्टी में आंतरिक स्तर पर भी कोई नेता बृजभूषण शरण सिंह के साथ नहीं है। लोग यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आलाकमान को आखिर बृजभूषण शरण सिंह का बचाव क्यों करना चाहिए? और पढ़ें »

राहुल गांधी ने अमेरिका से यूपी में 'दलित दांव' क्यों चलाया ?

अमेरिका में राहुल ने यूपी के दलितों पर बयान बहुत सोच समझकर दिया है। उनको पता है कि मुसलिम वोट उन्हें तब मिल सकता है, जब दूसरी जातियों का वोट भी उनके साथ जुड़े। और पढ़ें »

सिद्धारमैया ने कर्नाटक सीएम की रेस में कैसे बाजी 'पलटी' ?

अगर सिद्धारमैया की जगह शिवकुमार को कुर्सी दी जाती तो यह समीकरण बिखर भी सकता है।इसी समीकरण की बदौलत पांच दशक पहले कांग्रेस ने कर्नाटक की सत्ता पर कब्जा जमाया था और सिद्धारमैया ने इसे मजबूत किया है। और पढ़ें »
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