बुधवार, 13 नवंबर 2024 | 07:43 IST
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विचार

दीपावली के 11 दिन बाद पहाड़ में क्यों मनाते हैं इगास बग्वाल ?

ईगास-बग्वाल के दिन आतिशबाजी के बजाय भैलो खेलने की परंपरा है। बग्वाल वाले दिन भैलो खेलने की परंपरा पहाड़ में सदियों पुरानी है। भैलो को चीड़ की लकड़ी और तार या रस्सी से तैयार किया जाता है। चीड़ की लकड़ियों की छोटी-छोटी गांठ एक रस्सी से बांधी जाती है। इसके बाद गांव के ऊंचे स्थान पर पहुंच कर लोग भैलो को आग लगाते हैं। इसे खेलने वाले रस्सी को पकड़कर उसे अपने सिर के ऊपर से घुमाते हुए नृत्य करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी सभी के कष्टों को दूर करने के साथ सुख-समृद्धि देती है। भैलो खेलते हुए कुछ गीत गाने, व्यंग्य-मजाक करने की परंपरा भी है। और पढ़ें »

उत्तरखंड के इन दो गांवों में नहीं मनता दशहरा, लोग करते हैं 'युद्ध', अनोखी है ये पुरानी परंपरा

पाइंता पर्व के अवसर पर जौनसार बावर क्षेत्र के सिमोग, कनबुआ, बमराड, पंजिया आदि मंदिरों में शिलगूर व बिजट देवताओं की पालकियां और देव चिह्न मंदिरों के गर्भ गृह से बाहर लाए जाएंगे। जहां भारी संख्या में श्रद्धालु देव पालकी और देव चिह्नों के दर्शन करेंगे। और पढ़ें »

पितृ पक्ष में नहीं मिले कौव्वे, अचानक कहां गायब हो गए ?

प्रो. बिष्ट ने बताया कि पहाड़ में दो प्रजाति के कौवे मुख्य रूप से पाए जाते थे। इनमें घरेलू व जंगली कौवा था। घरेलू कौवे का गला स्लेटी होता है। जबकि जंगली पूरा काला होता है। वह घरेलू से आकार में बड़ा भी होता है। और पढ़ें »

उत्तराखण्ड की संस्कृति को समझना है तो इस संग्रहालय में चले आइये

संग्रहालय का निर्माण जाने माने आधुनिक चित्रकार एवं शिल्पी सुरेंद्र पाल जोशी के मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देशन में किया था। संग्रहालय का निर्माण माह सितंबर 2016 में प्रारंभ किया गया था। इस संग्रहालय का क्षेत्रफल 408 वर्ग मीटर है। और पढ़ें »

ऑर्गेन‍िक खेती कैसे ला रही पहाड़ी महिलाओं की ज‍िंदगी में बदलाव ?

मुक्तेश्वर का क्षेत्र अपने फलों के बागों के लिए जाना जाता है। हालांकि यहां पैदा होने वाले फल मौसम की अनिश्चितता के कारण काफी मात्रा में खराब हो जाते हैं। अब किसानों को ट्रेनिंग दी जा रही है कि वे फलों के फ्रूट जैम जैसे उत्पाद बनाएं। और पढ़ें »

सीबीआई अफसर तेज प्रकाश देवरानी का फिर एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए चयन, कई उपलब्धिया

उन्हें अगस्त 2016 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा सराहनीय सेवाओं के लिए भारतीय पुलिस पदक और स्वतंत्रता दिवस 2022 के अवसर पर विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित किया गया है। और पढ़ें »

नेगी जी के जन्मदिवस पर प्रशंसकों को तोहफा, अब नेगी जी पर सभी किताबें अमेजन पर उपलब्ध

विनसर पब्लिशिंग कं. द्वारा अब तक श्री नेगी के गीतों की पुस्तक “खुचकंडी”, “गाण्युं की गंगा स्याण्युं का समोदर”,”तुम दगड़ी ये गीत राला”,नेगी द्वारा रचित गढ़वाली फिल्मी गीतों का संग्रह “तेरी खुद तेरो ख्याल”, “अब जबकि” प्रकाशित हो चुकी हैं। उनके जन सरोकार के गीतों पर “मुट्ट बोटिक रख” पुस्तक पहाड़ प्रकाशन ने छापी है। और पढ़ें »

गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी के 101 गीतों पर लिखी पुस्तक ‘कल फिर जब सुबह होगी’

प्रवास में रह रहे लोग हों या साहित्य में शोध कर रहे शोधार्थी, गांव की बहू बेटियां, दाना सयाना, नौकरीपेशा या विद्यार्थी या कोई और, हर किसी के लिए ललित मोहन रयाल ने नवनीत परोसा है। रयाल ने इस ग्रंथ में नेगी की रचना संसार को आठ वर्गों में बांटा है। संबंधित कुल 101 गीतों की बेहद सरल व्याख्या की है। और पढ़ें »

शासन की योजनाओं में AI तकनीक को शामिल करेंगे धामी, पहाड़ी इलाकों को ज़्यादा फायदा

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आपदा, क्लाइमेट चेंज को और अधिक समझने में एआई की मदद से प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सकता है। सम्पूर्ण विश्व विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की नेतृत्व क्षमता को देख रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इंडिया एआई मिशन की शुरुआत की गई है। जिसका उद्देश्य एआई संबंधित टेक्नोलॉजी का विकास करना है। और पढ़ें »

ऑनलाइन लोन के जाल में फंसने से कैसे बचें, 9 हजार लिए, छह लाख डुबाए

एसएसपी ने बताया कि आनलाइन एप के माध्यम से ठगी करने के कई मामले सामने आ रहे हैं। इसके लिए आनलाइन ऋण लेने वालों को सतर्क होने की जरूरत है। आनलाइन लोन लेने से पहले एप के बारे में अच्छी तरह से जानकारी जुटा लें। यदि कोई इस तरह से ठगी का शिकार हो रहा है तो रुपये देने के बजाय वह तत्काल पुलिस को सूचित करे। और पढ़ें »

सौर परिवार में प्लूटो की फिर होगी वापसी! 9वां ग्रह मानने पर अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ सम्मेलन में फैस

बताया जा रहा है कि इस बार ग्रहों को लेकर नए मानक व परिभाषा बनाई गई है। यदि सम्मेलन में नई परिभाषा को संस्तुति मिल गई तो एक बार फिर हमारे सौर परिवार में ग्रहों की संख्या नौ हो जाएगी। और पढ़ें »

पौड़ी गढ़वाल सीट पर - अनिल बलूनी बनाम गणेश गोदियाल

1990 से पहले इस सीट पर कांग्रेस का एकक्षत्र राज रहा था, लेकिन उसके बाद इसे बीजेपी के मजबूत किले के तौर पर देखा जाने लगा है. बीजेपी नेता जनरल बीसी खंडूड़ी सबसे ज्यदा पांच बार यहां से सांसद बने। उन्होंने 1991 से लेकर 2014 तक लगातार इस सीट पर जीत हासिल की है. और पढ़ें »

महिलाओं को इलाज की सुविधा मुद्दा क्यों नहीं बन पाता ?

चार जनपदों की 14 विधानसभा में पंजीकृत कुल 13लाख 59हजार 815 मतदाताओं के सापेक्ष महिल वोटरों की संख्या करीब-करीब आधी है। यहां कुल 6लाख 50हजार 677 महिला मतदाता पंजीकृत हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं। और पढ़ें »

पिछली बार से कैसे अलग है इस बार का किसान आंदोलन, क्या मोदी जिम्मेदार हैं ?

इस बार आंदोलन की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन (एकता-सिद्धूपुर) के मुखिया जगजीत सिंह डल्लेवाल कर रहे हैं। उनका साथ दे रही है किसान मजदूर संघर्ष कमेटी। इस कमेटी के अगुवा के तौर पर एक किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का नाम सबसे आगे चल रहा है। इस कमेटी का कार्यक्षेत्र अमृतसर है हालांकि बाकी कई जिलों के किसान इनके साथ जुड़े हैं। ये संगठन 13 साल पुराना है और पिछले किसान आंदोलन में भी सक्रिय रहा था। और पढ़ें »

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा कामयाब क्यों नहीं हो पा रही ?

पूरा पूर्वोत्तर पार करके राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा कूच बिहार के जरिए बंगाल में प्रवेश कर गई। दो दिन की छुट्टी के दौरान राहुल गांधी के पास खासा वक्त होगा, कि आगे की रणनीति कैसे तय की जाए। यात्रा के रफ्तार न पकड़ पाने से परेशान राहुल गांधी ने पार्टी महासचिव और संचार विभाग के पूर्व प्रमुख रणदीप सुरजेवाला को बुलाया और पढ़ें »
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