मंगलवार, 5 दिसम्बर 2023 | 01:52 IST
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माता सती के 52 शक्तिपीठों की महिमा जान लीजिए

माता के शरीर के अंग और आभूषण 52 टुकड़ों में धरती पर अलग अलग जगहों पर गिरे, जो शक्तिपीठ बन गए। माता सती के इन्हीं शक्तिपीठ के दर्शन करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये जान लीजिए कि देवी के 52 शक्तिपीठ कहां कहां स्थित हैं और सभी शक्तिपीठ के क्या नाम हैं। और पढ़ें »

दीवाली पर क्यों करते हैं पूजा ? दीवाली और लक्ष्मी-गणेश पूजन में अंतर जान लीजिए.

हिन्दू ग्रन्थों के मुताबिक दिवाली के दिन धन-संपदा और शांति के लिए लक्ष्मी और गणेश भगवान की विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है. दिवाली में हर कोई अपने घर की सफाई कर उसे सुंदर देखना चाहता है, यही कारण है कि दीयों के इस त्योहार के दिन हर कोई घर की साफ-सफाई के साथ ही खूबसूरती से साज-सज्जा भी करता है. और पढ़ें »

धनतेरस पर ये काम करना न भूलें, पूरे परिवार को होगा फायदा

धनतेरस के दिन शाम को मां लक्ष्मी, कुबेर भगवान की पूजा करने के साथ यमराज की पूजा करने का विधान है. क्या आप जानते हैं कि धनतेरस के दिन यम का दीपक जलाने का क्या महत्व है और यह दीपक क्यों जलाया जाता है. और पढ़ें »

दीपावली पूजन की तैयारी और पूजन विधि

दीपावली एवं धनत्रयोदशी पर महालक्ष्मी के पूजन के साथ-साथ धनाध्यक्ष कुबेर का पूजन भी किया जाता है। कुबेर पूजन करने से घर में स्थायी सम्पत्ति में वृद्धि होती है और धन का अभाव दूर होता है। और पढ़ें »

गंगा नंदिनी जी का लेख- रक्षाबन्धन पर नारी सम्मान का प्रण भी करें

रक्षाबंधन के माध्यम से भाई-बहन दोनों एकदूसरे की रक्षा करते हैं. रक्षा का बंधन एक प्रतीक है, एक सेतु है रक्षा का. हमारी संस्कृति में एक ओर तो हम स्वतंत्रता को महत्व देते हैं परन्तु दूसरी ओर बंधन का उत्सव मनाते है, बंधन भी प्रेम का, धर्म का और मर्यादा का, जिसमें हम सहज भाव से प्रवेश करते हैं और यह एक ऐसा बंधन है जो हमें मुक्त करता है; दिशा देता है और हमारे मूल, मूल्य, जड़ों से जोड़ता है. और पढ़ें »

योगदा आश्रम पहुंचे सुपरस्टार रजनीकांत, बताया उन्हें किसके आशीर्वाद से मिलती है फिल्मों में सफलता

फिल्म स्टार रजनीकांत का द्वाराहाट के योगदा आश्रम और महावतार बाबा की गुफा से पुराना नाता रहा है। उन्होंने बताया कि बाबा के आशीर्वाद से ही उन्हें फिल्मों में अपार सफलता मिली। एक बार प्रशंसकों ने उन्हें महावतार बाबा की तस्वीर भेंट की, इसके बाद से ही उनमें स्वत: ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति जागृत हो उठीं। और पढ़ें »

कहानी- बिखरते रिश्ते...

*बेटा ...! जब घर में बड़े बुजुर्गों को प्यार नहीं मिलता.... उन्हें बहुत अकेलापन महसूस होता है , तो वे यहाँ वहाँ बैठ कर अपना समय काटा करते हैं !* और पढ़ें »

स्कूलों की प्रार्थना में गाया जा रहा है गिरदा का जनगीत

बद्री केदारा का द्वार छना, छना कनखल हरिद्वारा, म्यार हिमाला। काली धौली का छाना जानी, जानी नान ठुला कैलाशा, म्यार हिमाला और पढ़ें »

बर्फबारी घटने से उत्तराखंड के राज्य-पुष्प बुरांश पर संकट, जलवायु परिवर्तन का असर

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के उच्च शिखरीय पादप कार्यिकी एवं शोध केंद्र (हैप्रक) ने अंतरिक्ष उपयोग केंद्र और इसरो अहमदाबाद के सहयोग से बुग्याली क्षेत्रों के फूलों की निगरानी के लिए तुंगनाथ में एक फेनोकैम लगाया है। और पढ़ें »

कुमाऊं में 17 जुलाई से सावन, हरेला बोकर धरा को किया जाता है हरा-भरा

आशीर्वचन के बोल जी रये जागि रये यो दिन-मास-बार भेटनै रये धरती जस आगव, आकाश जस चाकव होये सियक जस तराण, स्यावे जसि बुद्धि हो दूब जस पंगुरिये हिमालय में ह्यो, गंगा ज्यू में पाणी रौन तक बचि रये सिल पिसि भात खाये, जांठि टेकि झाड़ जाये और पढ़ें »

सावन के रुद्राभिषेक में इन 3 गलतियों से नहीं मिलता है फल

शिवलिंग उत्तर दिशा में रखें और जो लोग रुद्राभिषेक कर रहे हैं उनका मुंह पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। इसके बाद श्रृंगी में गंगाजल डालकर शिवलिंग पर अर्पित करें और ऊं नम: शिवाय मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, शिव तांडव स्तोत्र का जाप करें। और पढ़ें »

कैंची धाम के स्थापना दिवस पर जुटी श्रद्धालुओं की भारी भीड़, जो आया किस्मत चमक गई

नीम करोली महाराज के आशीर्वाद से कैसे स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग जैसे दिग्गजों की किस्मत चमक गई इसे लेकर तमाम किस्से प्रचलित हैं। यह बिल्कुल सच है कि जिस भी व्यक्ति को देखकर अनायास ही बाबा ने कोई आशीर्वाद दिया, वह हमेशा पूरा जरूर हुआ भले ही उस समय यह हो पाना कितना ही कठिन या असंभव सा ही क्यों न प्रतीत होता रहा हो। और पढ़ें »

चारधाम यात्रा से मिलते हैं कितने शुभ फल, पूरा महत्व जान लीजिए

चार धाम की यात्रा करने से व्यक्ति को नए अनुभव तो होते ही हैं साथ ही हमारी स्मृतियां और सोच भी बढ़ती है। और तो और यात्रा करने से प्रकृति गांव और कस्बों के अलग-अलग नजारे देखने को मिलते हैं। और पढ़ें »

उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच की बैठक में फैसला, इस बार गढ़वाली, कुमाउंनी के साथ नाटक और लोकगीत भी

उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच के संरक्षक डॉ विनोद बछेती जी ने बताया कि हमारी कोशिश है कि हम दिल्ली एनसीआर में रह रहे नौनिहालों को अपनी मातृ भाषाओं के साथ-साथ नाटकों एवं लोकगीतों से भी अवगत करवायें। और पढ़ें »

लोक भाषाओं के लेखकों को हर साल मिलेगा उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान

वर्ष 2014 के बाद पहली बार मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की प्रबंध कार्यकारिणी सभा की बैठक हुई। बैठक में सीएम ने कहा कि लोक भाषाएं व बोलियां हमारी पहचान व गौरव हैं।आगामी मई में भव्य समारोह आयोजित कर उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित किया जाएगा। और पढ़ें »
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