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इस विटामिन की कमी से शरीर हो जाता है खोखला, फौरन ऐसे ठीक करें
इस डिसऑर्डर की वजहे जानने के लिए शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि जिन लोगों में विटामिन बी12 का लेवल कम या बिल्कुल नीचे चला जाता है उनको इंसोम्निया हो सकता है। यह विटामिन नींद के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और सर्काडियन रिदम को सुधारता है। इस अध्ययन को एनसीबीआई पर प्रकाशित किया गया।
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सर्दियों में बढ़ते वजन को ऐसे करें काबू, ये ड्रिंक्स कर देनी काम आसान
लाल रंग की यह सब्जी, सेहत के गुणों का खजाना है। रोज इसका जूस पीने से वजन कम करने में काफी मदद मिल सकती है। इसमें फाइबर पाया जाता है, जो फैट कम करने के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही, यह खाने को पचाने में और ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में भी सहायता करता है। चुकंदर का जूस घर पर बनाकर पीना ज्यादा फायदेमंद होगा क्योंकि बाहर से खरीदे हुए जूस में शुगर होता है, जो वजन बढ़ा सकता है।
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घर पर कैसे रखें अपनी सेहत का ख़्याल, जान लीजिए
अगर आपके पास स्मार्ट वॉच या ऑक्सीमीटर है तो हार्टरेट घर पर चेक कर सकते हैं। नहीं है तो आप कलाई पर उंगली रखकर भी चेक कर सकते हैं। नॉर्मल रेस्टिंग हार्ट रेट (RHR) 1 मिनट में 60-100 होनी चाहिए। यानी जब आप आराम कर रहे हैं तो एक मिनट में दिल इतनी बार धड़कना चाहिए। आपकी हार्टरेट जितनी कम है उतना अच्छा। स्वस्थ मनुष्य में हार्ट रेट बढ़ने के साथ मृत्युदर बढ़ने का खतरा बढ़ता जाता है।
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क्यों 11 दिन बाद मनाई जाती है बूढ़ी दीवाली, क्या है ईगास पर्व?
मान्यता है कि मर्यादा पुरूषोत्तम राम जब लंका पर विजय होकर अयोध्या पहुंचे तो वहा पर दीपावली मनायी गयी लेकिन यह खबर दूरस्थ पहाड़ वासियों को ग्यारह दिनों बाद मिली. इसके पीछे भी पहाड मे अलग-अलग तर्क है. लेकिन अब पलायन कर चुके लोग एकबार फिर से इस त्योहार मे अपने गाँव आ रहे है यही इस त्योहार की खूबसूरती है.
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दिवाली पर सज गया पहाड़ का बाजार, मेड-इन-चाइना क्यों नहीं खरीद रहे लोग ?
इस बार दीपावली में माता लक्ष्मी की अलग-अलग प्रकार की मूर्तियां आपको यहां मिल जाएंगी. हमारे यहां पर दीवाली को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है और दुकान सज चुकी है. अधिकांश मूर्ति स्वदेशी हैं. चाइनीज सामान बेहद कम हो गया है. दीवाली पर घरेलू साज-सज्जा के लिए बाजार में तरह-तरह के आर्टिफिशियल फूल आए हैं, जो विभिन्न रंगों में और कई प्रकार की डिजाइन में हैं. कई फूल तो असली को भी मात दे रहे हैं. इनमें गुलाब से लेकर विदेशी फूलों तक के गुच्छे हैं. इनकी कीमत 40 रुपये से लेकर 800 रुपये तक है. बाजार में रंगोली के डिजायन और सामग्री से लेकर दरवाजों पर लगने वाले स्टीकर भी बिक रहे हैं..
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करवा चौथ व्रत और पूजा की विधि, मुहूर्त सब जान लीजिए चंद्रमा को अर्घ्य ऐसे दें
इस खास दिन पर महिलाएं सूर्योदय से पहले जागकर सास द्वारा दी गई सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं. जिसके बाद वे पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. शाम के समय दुल्हन की तरह श्रृंगार कर अच्छे से तैयार होती हैं और चांद निकलने का इंतजार करती हैं. चांद निकलने के बाद छलनी से चांद को देखकर, फिर अपने पति की आरती उतारकर अपना व्रत खोलती हैं. इस व्रत को करने से स्त्रियों को अखंड सौभाग्यवती रहने का वरदान मिलता है. करवा माता उनके सुहाग की सदा रक्षा करती हैं और उनके वैवाहिक जीवन में सदा खुशहाली रहती है.
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