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गढ़वाल की केदारघाटी में पांडव नृत्य की धूम
पंचाग की गणना के बाद पांडव लीला का शुभ दिन तय होता है। रुद्रप्रयाग जनपद के कई जगहों पर ग्रामीण अस्त्र-शस्त्रों के साथ पांडव नृत्य करते हैं। वहीं कई स्थानों पर मंडाण के साथ यह नृत्य होता है। कहा जाता है कि ये परंपराएं पांडवकाल से चली आ रही हैं।
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दिन में चंद्रग्रण, रात में भूकंप का कनेक्शन !
ज्योतिषों की मानें तो चंद्रग्रहण का सीधा संबंध भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से होता है. ग्रहण को ज्योतिष में अशुभ और हानिकारक प्रभाव वाला माना जाता है. साल 2018 में 31 जनवरी को चंद्रग्रहण लगने से पहले दिल्ली-एनसीआर, पाकिस्तान और कजाकिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इस भूकंप की तीव्रता 6.1 थी.
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संतान प्राप्ति के लिए महादेव के दर पहुंचे 145 दंपती, रातभर खड़े होकर पूजा
रविवार शाम गोधुलि वेला (सुबह 5:15 बजे) में श्रीनगर गढ़वाल के कमलेश्वर महादेव मंदिर के महंत आशुतोष पुरी ने दीपक जलाकर खड़ा दीया अनुष्ठान की शुरूआत की थी। महिलाओं के कमर में जुड़वा नींबू, श्रीफल, पंचमेवा एवं चावल की पोटली बांधी गई। तत्पश्चात महंत ने सभी दंपतियों के हाथ में दीपक रखते हुए पूजा अर्चना की।
दंपती पूरी रात जलता दीया हाथ में लेकर भगवान शिव (कमलेश्वर) की पूजा की। सोमवार सुबह स्नान के बाद महंत ने दंपतियों को आशीर्वाद देकर पूजा संपन्न कराई। ऐसी मान्यता है कि खड़ा दीया अनुष्ठान करने से दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है।
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दीवाली के बाद लगने वाले सूर्यग्रहण के बारे में ज्योतिषाचार्य से जानें-
ज्योतिष शास्त्र के आधार पर सूर्य ग्रहण का कारण होता है चंद्रमा तथा चंद्रग्रहण का मुख्य कारण होता है पृथ्वी की काली छाया। पुराणों के अनुसार ग्रहण राहु और केतु द्वारा होते हैं। भारत के पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा आदि के समीप यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसके अलावा संपूर्ण देश में तथा विदेशों में भी यह दिखाई देगा।
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इस साल कब होगा दीवाली पूजन, शुभ मुहूर्त और पूरी विधि जान लीजिए
शुभ मुहूर्त
इस साल अमावस्या तिथि 24 और 25 दोनों दिन है, लेकिन 25 को तिथि समाप्त हो रही है, इसलिए 24 को ही दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है.
कार्तिक अमावस्या तिथि शुरू- 24 अक्टूबर 2022, शाम 05.27
कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त- 25 अक्टूबर 2022, शाम 04.18
लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल मुहूर्त - रात 07.02 - रात 08.23
लक्ष्मी पूजा निशिता काल मुहूर्त - रात 11.46 - प्रात: 12.37
रात्रि मुहूर्त (लाभ) - रात 10:36 - प्रात: 12
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