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देवोत्थान एकादशी के बाद शुरू होंगे शुभ कार्य, इस साल के 12 शुभ मुहूर्त
हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव उठान एकादशी मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागते हैं, और इसके बाद से ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है. हिंदू धर्म में विवाह का शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर ही शादियों का मुहूर्त निकाला जाता है. अच्छे वैवाहिक जीवन को बिताने के लिए लोग पूरे रीति-रिवाज के साथ वैवाहिक कार्य संपन्न करते हैं, और इस साल के आखिरी दो महीना में शादी विवाह के 12 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.
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शरद पूर्णिमा पर धूमधाम से निकाली गई भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा
मधुवन आश्रम में कार्यक्रम की शुरूआत सुबह की मंगल आरती से हुई। प्रात: 9:00 बजे भगवान जगन्नाथ बलदेव, सुभद्रा मैया, सुदर्शन चक्र को रथ पर आरूढ़ किया गया। जिसके बाद स्वामी कृष्णाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज, श्री भारत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, महंत मनोज प्रपन्नाचार्य और आश्रम के अध्यक्ष परमानंद दास ने महा आरती की।
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थोड़ी देर में शुरू हो जाएगा चंद्रग्रहण, सूतक काल में बन्द हुए चारधाम के कपाट
शरद पूर्णिमा पर आज इस वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण लगेगा। रात एक बजकर पांच मिनट से दो बजकर 18 मिनट तक चंद्रग्रहण रहेगा। एक घंटा 18 मिनट तक ग्रहण काल रहेगा।
मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी का जन्म हुआ था। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ पृथ्वीलोक में भ्रमण के लिए आती हैं व घर-घर जाकर भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।
मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। इसे अमृत काल भी कहा जाता है।
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शारदीय नवरात्रि कल से, 30 साल बाद 3 तीन अति विशिष्ट राजयोग
इस बार शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ रविवार को होने से देवी मां हाथी की सवारी में आ रही है, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से पूरे राष्ट्र के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस वर्ष नवरात्रि के प्रारंभ में ही सौरमंडल में ग्रहों की स्थिति के अनुसार बुध आदित्य, भद्र एवं शश जैसे महत्वपूर्ण राजयोग बनने से मंत्रों एवं यंत्रों की सिद्धि के लिए परम सौभाग्य योग की स्थिति बन गई है, जिसका लोगों को लाभ उठाना चाहिए।
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