मंगलवार, 5 दिसम्बर 2023 | 02:23 IST
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धर्म-अध्यात्म

देवोत्थान एकादशी से शुरू हो जाएंगे शुभ कार्य, तुलसी विवाह की महत्ता जान लीजिए

कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि योग में अपनी निद्रा त्याग कर फिर से सृष्टि का संचालन करेंगे। इन योगों में सृष्टि का संचालन करना बहुत ही शुभ माना जाता है ।इसके साथ ही पांच माह का चातुर्मास भी समाप्त हो जाएगा। देवोत्थान एकादशी को अबूझ मुहूर्त मानकर विवाह भी किए जाते हैं। और पढ़ें »

पटाखों से जल जाए हाथ या त्वचा तो घबराएं नहीं, तुरंत करिए ये आसान उपाय, मिलेगा आराम

पटाखों से होने वाली जलन भले ही त्वचा पर कम दिखाई देती हो, लेकिन ये कुछ स्थितियों में गंभीर हो सकती है। जले हुए स्थान पर नारियल का तेल लगाने से भी जलन कम हो जाती है। और पढ़ें »

देवोत्थान एकादशी के बाद शुरू होंगे शुभ कार्य, इस साल के 12 शुभ मुहूर्त

हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव उठान एकादशी मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जागते हैं, और इसके बाद से ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है. हिंदू धर्म में विवाह का शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर ही शादियों का मुहूर्त निकाला जाता है. अच्छे वैवाहिक जीवन को बिताने के लिए लोग पूरे रीति-रिवाज के साथ वैवाहिक कार्य संपन्न करते हैं, और इस साल के आखिरी दो महीना में शादी विवाह के 12 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. और पढ़ें »

बागेश्वर धाम के दरबार में दूसरे राज्यों से भी पहुंचे श्रद्धालु, तीन अर्जियां सुनीं

धीरेंद्र शास्त्री ने दरबार में पर्चा खोल समस्या सुननी शुरू कर की। एक के बाद एक लोग उनके पास पर्ची लेकर पहुंचने लगे। बाद में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने दरबार में मंत्र के साथ सामूहिक अर्जी लगवाई। आखिरी तीन अर्जी सुनने के बाद दरबार समाप्ति की घोषणा की गई। और पढ़ें »

देहरादून के परेड ग्राउंड में आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का दिव्य दरबार , पर्चे खोले

शनिवार को परेड ग्राउंड के खेल मैदान में पहली बार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार लगा। रात 8:20 बजे धीरेंद्र शास्त्री मंच पर पहुंचे। धीरेंद्र शास्त्री ने मंच को प्रणाम करते हुए हनुमान जी के चरणों मे शीश नवाया। मंच पर सबसे पहले संतो ने सनातन की हुंकार भरी। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि देवभूमि में कण कण में भगवान का वास है। और पढ़ें »

दिवाली रात के वो आसान उपाय जो घर में धन भंडार भर देंगे

कोई व्यक्ति अगर लंबे समय से आर्थिक समस्या से जूझ रहा है तो दिवाली की रात पीपल के पेड़ के नीचे सात दीपक जलाएं. ऐसा करने से उसकी आर्थिक स्थिति जल्द ठीक हो जाएगी औऱ धन-लाभ होगा. और पढ़ें »

शीतकाल के लिए बंद हुए भगवान तुंगनाथ के कपाट, देव डोली चौपटा पहुंची

कपाट बंद होने के बाद श्री तुंगनाथ जी की देव डोली मंदिर प्रांगण में आ गई तथा मंदिर परिक्रमा के पश्चात देव डोली चौपटा को प्रस्थान हुई। श्री बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि 2 नवंबर को श्री तुंगनाथ जी की देव डोली भनकुन प्रवास करेगी। और पढ़ें »

शरद पूर्णिमा पर धूमधाम से निकाली गई भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा

मधुवन आश्रम में कार्यक्रम की शुरूआत सुबह की मंगल आरती से हुई। प्रात: 9:00 बजे भगवान जगन्नाथ बलदेव, सुभद्रा मैया, सुदर्शन चक्र को रथ पर आरूढ़ किया गया। जिसके बाद स्वामी कृष्णाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज, श्री भारत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, महंत मनोज प्रपन्नाचार्य और आश्रम के अध्यक्ष परमानंद दास ने महा आरती की। और पढ़ें »

थोड़ी देर में शुरू हो जाएगा चंद्रग्रहण, सूतक काल में बन्द हुए चारधाम के कपाट

शरद पूर्णिमा पर आज इस वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण लगेगा। रात एक बजकर पांच मिनट से दो बजकर 18 मिनट तक चंद्रग्रहण रहेगा। एक घंटा 18 मिनट तक ग्रहण काल रहेगा। मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी का जन्म हुआ था। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ पृथ्वीलोक में भ्रमण के लिए आती हैं व घर-घर जाकर भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। इसे अमृत काल भी कहा जाता है। और पढ़ें »

गोपीनाथ मंदिर में विराजमान हुई रुद्रनाथ की डोली, अगले छह महीने यहीं होंगे चतुर्थ केदार के दर्शन

अब शीतकाल में छह माह तक रुद्रनाथ भगवान गोपीनाथ मंदिर में ही श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। गोपीनाथ मंदिर परिसर में ही गोपेश्वर गांव के श्रद्धालुओं ने रुद्रनाथ की डोली को अर्घ्य लगाया। 18 अक्तूबर को रुद्रनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे। और पढ़ें »

शारदीय नवरात्रि कल से, 30 साल बाद 3 तीन अति विशिष्ट राजयोग

इस बार शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ रविवार को होने से देवी मां हाथी की सवारी में आ रही है, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से पूरे राष्ट्र के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस वर्ष नवरात्रि के प्रारंभ में ही सौरमंडल में ग्रहों की स्थिति के अनुसार बुध आदित्य, भद्र एवं शश जैसे महत्वपूर्ण राजयोग बनने से मंत्रों एवं यंत्रों की सिद्धि के लिए परम सौभाग्य योग की स्थिति बन गई है, जिसका लोगों को लाभ उठाना चाहिए। और पढ़ें »

15 अक्तूबर को नवरात्र की शुरुआत, कलश स्थापना का मुहूर्त जान लीजिए

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 14 अक्तूबर शनिवार की रात 11 बजकर 24 मिनट से हो रही है। यह तिथि 15 अक्तूबर रविवार को देर रात 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। और पढ़ें »

सीएम योगी ने बद्रीनाथ धाम में किया पूजन, पितरों का तर्पण भी किया

बद्रीनाथ में पूजा-अर्चना के बाद योगी आदित्यनाथ केदारनाथ के लिए रवाना हो गए। यहां पुजारियों ने उनका भव्य स्वागत किया। इसके बाद मंदिर के भीतर जाकर योगी ने दर्शन और पूजन किया। और पढ़ें »

दो महीने बाद फिर शुरू होगी आदि कैलाश यात्रा, धारचूला से बन गई है सड़क

वर्ष 2023 में चार मई से शुरू हुई यात्रा के दौरान केएमवीएन ने 223 पर्यटकों को आदि कैलाश, ओम पर्वत, पार्वती सरोवर और कालापानी के दर्शन कराए थे। प्राइवेट टूर ऑपरेटर ने भी करीब दो हजार से अधिक लोगों को यात्रा कराई। केएमवीएन ने वर्ष 1991 में आदि कैलाश यात्रा शुरू की थी। और पढ़ें »

रक्षाबंधन पर देवीधुरा में बग्वाल युद्ध, मेले में एक दूसरे पर पत्थर बरसाने की प्रथा

यह युद्ध किसी दुश्मनी, जमीन के टुकड़े अथवा हार-जीत के लिए नहीं अपितु धार्मिक परंपरा के निर्वहन के लिए होता है। सदियों से खेला जाने वाला यह युद्ध अषाढ़ी कौतिक नाम से भी प्रसिद्ध है। और पढ़ें »
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