बद्रीनाथ धाम के कपाट बन्द होने की तैयारी, पंच पूजा के दूसरे दिन आदि केदारेश्वर व गुरु शंकराचार्य मं
आज पंच पूजा के दूसरे दिन श्री आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर बदरीनाथ धाम प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, नायब रावल सूर्यराग नंबूदरी, प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी, उप प्रभारी राजेंद्र असवाल, विजय प्रकाश, मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़, भारत मेहता, रघुवीर पुंडीर, राजेश नंबूदरी, श्याम बाबा, भगवती सेमवाल, दर्शन कोटवाल, विकास सनवाल, योगेश्वर पुरोहित, हरीश जोशी, यशवंत मेहता सहित साधुसंत एवं बड़ी संख्या में तीर्थयात्री मौजूद रहे।
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दशहरे पर जौनसार के दो गांवों में नहीं जलाते रावण के पुतले, होता है 'गागली युद्ध'
इससे खिन्न होकर मुन्नी ने भी कुएं में छलांग लगाकर अपनी जान दे दी। ग्रामीणों को अपने इस कृत्य से बहुत पछतावा हुआ। इसी घटना को याद कर पश्चाताप को पाइंता (दशहरे) से दो दिन पहले मुन्नी व रानी की मूर्तियों की पूजा होती है। पाइंता के दिन मूर्तियां कुएं में विसर्जित की जाती है। कलंक से बचने के लिए उत्पाल्टा व कुरोली गांव के लोग हर वर्ष पाइंता पर्व पर गागली युद्ध का आयोजन कर पश्चाताप करते हैं।
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